देश की सुरक्षा को लेकर हरीश रावत ने जताई चिंता, सभी दलों से एकजुट होने की अपील

देश की सुरक्षा को लेकर हरीश रावत ने जताई चिंता, सभी दलों से एकजुट होने की अपील

रिपोर्ट – हरीश भण्डारी

अल्मोड़ा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने देश की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। शनिवार को अल्मोड़ा पहुंचे रावत ने कहा कि बदलते वैश्विक और क्षेत्रीय परिदृश्य में भारत के समक्ष सुरक्षा की नई-नई चुनौतियाँ उभर रही हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और चीन पहले से ही भारत के लिए रणनीतिक खतरा बने हुए हैं, और अब अफगानिस्तान भी इस सूची में शामिल हो सकता है। उन्होंने आशंका जताई कि नेपाल जैसे पड़ोसी देश भी इस चुनौती का हिस्सा बन सकते हैं, जिससे देश की सुरक्षा को लेकर और भी जटिल स्थितियाँ पैदा हो सकती हैं।

रावत ने हाल ही में पुलवामा और पहलगाम में हुए आतंकी हमलों को “इंटेलिजेंस फेल्योर” (खुफिया तंत्र की विफलता) करार दिया और कहा कि इससे सीख लेकर देश को अपनी आंतरिक सुरक्षा प्रणाली को और अधिक सशक्त बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मौजूदा समय में सुरक्षा तंत्र को पारंपरिक ढांचे से बाहर निकलकर आधुनिक तकनीक और रणनीतिक दृष्टिकोण के साथ नया स्वरूप दिया जाना चाहिए।

कांग्रेस नेता ने कहा, “देश को एकता का ऐसा संदेश देना होगा जो पूरी दुनिया में जाए। सुरक्षा जैसे मसले पर सभी राजनीतिक दलों और संगठनों को अपने मतभेद भुलाकर एकजुट होना चाहिए।”

हरीश रावत ने यह भी कहा कि भारत की सुरक्षा किसी एक सरकार की नहीं, बल्कि पूरे देश की जिम्मेदारी है, और इसमें सभी पक्षों को समान योगदान देना होगा।