नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व में निदेशक के खिलाफ वनकर्मियों का आंदोलन तेज, कार्य बहिष्कार का आज चौथा दिन

नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व में निदेशक के खिलाफ वनकर्मियों का आंदोलन तेज, कार्य बहिष्कार का आज चौथा दिन

रिपोर्टर – संजय कुंवर
स्थान – गोपेश्वर/चमोली

संयुक्त मोर्चा संघर्ष समिति ने कहा — आर-पार की लड़ाई, जब तक स्थानांतरण नहीं तब तक धरना जारी

गोपेश्वर, 17 मई।
नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व (NDBR) के निदेशक के स्थानांतरण की मांग को लेकर वन विभाग के कर्मचारियों का आंदोलन और तेज हो गया है। संयुक्त मोर्चा संघर्ष समिति के बैनर तले चल रहे इस आंदोलन का आज चौथा दिन है, और वनकर्मियों द्वारा पूर्ण कार्य बहिष्कार जारी है।

जिला मुख्यालय गोपेश्वर में जहां नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व कार्यालय में धरना प्रदर्शन हो रहा है, वहीं ज्योतिर्मठ में नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क कार्यालय के सामने भी कर्मचारी प्रदर्शन पर बैठे हैं। कार्यालयों में दिनभर सन्नाटा पसरा रहा और बद्रीनाथ, केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग, नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क सहित सभी वन प्रभागों में फोरेस्टर, मिनिस्ट्रीयल स्टाफ और अन्य कर्मचारी हड़ताल पर रहे।

संयुक्त मोर्चा ने NDBR निदेशक पर कर्मचारियों के उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे। आंदोलनकारियों के अनुसार, इस विषय पर 17 मार्च को प्रमुख वन संरक्षक (वन्य जीव) के साथ वार्ता भी हुई थी, जिसमें निदेशक के स्थानांतरण का आश्वासन दिया गया था।

लेकिन, न तो निदेशक का स्थानांतरण हुआ और न ही मार्च माह का वेतन कर्मचारियों को मिला, जिससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।

नेताओं की दो टूक चेतावनी

संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष प्रकाश सिंह नेगी, महामंत्री कुलदीप खंडूड़ी, बुद्धि बल्लभ जोशी, अनूप पंवार, विनय कुमार और सुमन लता जोशी ने साफ कहा कि यह आंदोलन अब “आर-पार की लड़ाई” है और जब तक निदेशक का स्थानांतरण नहीं होता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।

कर्मचारियों का कहना है कि बार-बार आश्वासन दिए जाने के बावजूद अगर कार्रवाई नहीं होती है, तो यह केवल कर्मचारियों के आत्मसम्मान का नहीं, बल्कि पूरे विभाग की कार्य संस्कृति का भी अपमान है।

प्रभाव और अगली रणनीति

पूरे क्षेत्र में वन विभाग का प्रशासनिक कार्य ठप हो गया है। आंदोलन का असर चारों वन्यजीव प्रभागों तक स्पष्ट दिख रहा है। इससे वन सुरक्षा, निगरानी और पर्यटन व्यवस्थाओं पर भी असर पड़ रहा है।

संयुक्त मोर्चा ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन को प्रदेश स्तर तक ले जाया जाएगा।