लोहाघाट का ऐतिहासिक डाक बंगला बदहाली की कगार पर, नशेड़ियों का अड्डा बना

लोहाघाट का ऐतिहासिक डाक बंगला बदहाली की कगार पर, नशेड़ियों का अड्डा बना

लोहाघाट का ऐतिहासिक डाक बंगला बदहाली की कगार पर, नशेड़ियों का अड्डा बना

लोहाघाट। एक समय उत्तर प्रदेश के सबसे खूबसूरत डाक बंगलों में शुमार लोहाघाट का ऐतिहासिक डाक बंगला आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। 1911 में बने इस डाक बंगले में कई बड़े राजनेता और प्रशासनिक अधिकारी ठहर चुके हैं, लेकिन उत्तराखंड राज्य बनने के बाद इसकी चमक फीकी पड़ गई।

नशेड़ियों और असामाजिक तत्वों का अड्डा बना डाक बंगला

आज यह ऐतिहासिक डाक बंगला नशेड़ियों और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन चुका है। चारों ओर शराब और प्लास्टिक की खाली बोतलें बिखरी पड़ी हैं, जिससे यहां अराजकता का माहौल है। आसपास गंदगी का अंबार लगा हुआ है, लेकिन इसकी देखभाल करने वाला लोक निर्माण विभाग मूकदर्शक बना बैठा है।

एनXसी भवन भी हुआ बदहाल

डाक बंगले के साथ ही एनxसी भवन भी अब विश्राम स्थल की बजाय नशेड़ियों का स्वर्ग बन चुका है। जहां कभी बड़े अधिकारी और राजनेता ठहरते थे, वहां अब नशे और असामाजिक गतिविधियों का बोलबाला है।

स्थानीय लोगों में आक्रोश

डाक बंगले की दुर्दशा को देखकर स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। पूर्व सभासद राजकिशोर शाह ने इस पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि डाक बंगले के चारों ओर शराब की बोतलें और कचरा फैला है, लेकिन लोक निर्माण विभाग और नगर पालिका ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।

देवदार बनी को बना दिया डंपिंग जोन

शाह ने यह भी बताया कि डाक बंगले के पास की देवदार बनी को डंपिंग जोन में बदल दिया गया है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रशासन की अनदेखी के कारण यह ऐतिहासिक धरोहर नष्ट होने की कगार पर है।

संरक्षण की उठी मांग

शाह समेत अन्य स्थानीय लोगों ने प्रशासन से इस ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही डाक बंगले की देखरेख और सुरक्षा के लिए उचित कदम नहीं उठाए गए, तो यह पूरी तरह नशेड़ियों और अराजक तत्वों के कब्जे में चला जाएगा।

लोक निर्माण विभाग की लापरवाही भारी पड़ रही

नगरवासियों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही डाक बंगले की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गई, तो वे इस मुद्दे पर आंदोलन करेंगे। कुल मिलाकर, लोक निर्माण विभाग की लापरवाही इस ऐतिहासिक धरोहर पर भारी पड़ती नजर आ रही है।