लोहाघाट की उपेक्षा से नाराज सामाजिक कार्यकर्ताओं ने छेड़ी विकास की लड़ाई

लोहाघाट की उपेक्षा से नाराज सामाजिक कार्यकर्ताओं ने छेड़ी विकास की लड़ाई

लोहाघाट। नगर में पानी, स्वास्थ्य और लोहावती नदी की स्वच्छता को लेकर सरकार और प्रशासन की उदासीनता के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नगर के विकास की लड़ाई लड़ने का ऐलान किया है। इस संबंध में आज लोहाघाट डाक बंगले में एक बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता विपिन गोरखा ने की, संचालन लोकेश पांडे ने किया और दिशा-निर्देशन प्रहलाद सिंह मेहता ने किया।

पेयजल संकट से त्रस्त नगरवासी

बैठक में मौजूद सभी लोगों ने एकमत होकर कहा कि लोहाघाट नगर में वर्षों से पेयजल संकट गहराया हुआ है। उपभोक्ताओं से बिल वसूला जा रहा है, लेकिन तीन से चार दिन में मात्र दूषित पानी की आपूर्ति हो रही है। इससे जनता में भारी आक्रोश है।

अस्पताल बना रेफर सेंटर

बैठक में वक्ताओं ने कहा कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की भारी कमी के कारण अस्पताल अब मात्र एक रेफर सेंटर बनकर रह गया है। गंभीर रूप से बीमार मरीजों को हायर सेंटर भेजा जा रहा है, जिससे आमजन को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

लोहावती नदी की दुर्दशा पर चिंता

नगर की जीवनदायिनी लोहावती नदी अब गंदे नाले में तब्दील हो चुकी है। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि नगर पालिका द्वारा इस नदी की सफाई के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, उल्टे इसमें गंदे नाले छोड़कर इसे पूरी तरह दूषित कर दिया गया है।

जल्द शुरू होगा आंदोलन

सामाजिक कार्यकर्ता विपिन गोरखा ने कहा कि अब समय आ गया है कि नगर की जनता को साथ लेकर सड़क पर उतरकर आंदोलन किया जाए। उन्होंने घोषणा की कि जल्द ही संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की घोषणा की जाएगी, जिसके बाद लोहाघाट विकास संघर्ष समिति नगर की मूलभूत समस्याओं को लेकर धरना-प्रदर्शन शुरू करेगी।

सरयू लिफ्ट पेयजल योजना डीपीआर में अटकी

बैठक में यह भी कहा गया कि वर्षों से सरयू लिफ्ट पेयजल योजना सिर्फ डीपीआर तक सीमित है और इसे लागू करने के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने दोहराया कि जब तक नगर की समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।