पांच दिन पहले घर से अचानक लापता हुए 15 साल के किशोर ने अपने दोस्त के साथ मिलकर एक ऐसा प्लान बनाया, जिसने नकेवल उसके परिजनों बल्कि दिल्ली पुलिस को भी परेशान कर दिया. पांच दिनों की लगातार कवायद के बाद जब पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा किया तो… क्या है पूरा मामला, जानने के लिए पढ़ें आगे…
घर से 15 साल का बेटा बीते छह दिनों से लापता था. उसका फोन लगातार स्विचऑफ जा रहा था. उसके मिलने की हर संभावित जगह पर परिजन खुद जाकर आए थे. तमाम कोशिशों के बावजूद 9वीं कक्षा में पढ़ने वाले इस बच्चे के बारे में कहीं कोई जानकारी नहीं मिली. परेशान होकर परिजन समयपुर बादली पुलिस स्टेशन पहुंचे और बच्चे के किडनैपिंग की एफआईआर दर्ज कर ली गई. चूंकि मामला 15 साल के बच्चे की किडनैपिंग से जुड़ा था, लिहाजा इस मामले को तत्काल क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया. क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर मनोज दहिया के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया, जिसमें एसआई नरेंद्र कुमार, एसआई पिंकी रानी, हेडकांस्टेबल अजीत भी शामिल थे.
क्राइम ब्रांच की टीम ने मोबाइल बंद होने पहले तक की लोकेशन और सीडीआर को खंगालना शुरू किया. साथ ही, किशोर से संबंधित जानकारी सभी थानों और मुखबिरों को साझा कर दी गई. चौतरफा शुरू हुई कार्रवाई के बाद क्राइम ब्रांच की टीम को कुछ अहम सुराग मिलते हैं. इन्हीं सुरागों का पीछा करते हुए क्राइम ब्रांच की टीम इस किशोर तक पहुंच गई और उसको अपने कब्जे में ले लिया. बातचीत में बच्चे ने जो कुछ बयां किया, उसे सुनने के बाद दिल्ली पुलिस और परिजनों दोनों का सिर चकरा गया.
बच्चे ने पुलिस को बताया कि वह अपने दोस्त के साथ घूमने के लिए लखनऊ जाना चाहता था. वह जानता था कि उसके घर वाले कभी भी उसे अपने दोस्त के साथ लखनऊ जाने की इजाजत नहीं देंगे. लिहाजा, उसने अपने दोस्त के साथ प्लान बनाया और किसी को कुछ बताए बिना लखनऊ के लिए निकल गया. रुपयों की जरूरत पूरी करने के लिए उसने मोबाइल भी बेंच दिया. बीते बीते पांच दिनों से वह लखनऊ के करीब स्थिति गांव में अपने दोस्त के साथ रह रहा था.