
रिपोर्ट,, संजय कुंवर, पगनों जोशीमठ

सूबे के के सीमांत जनपद चमोली में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण हाई वे बाधित होने का सिलसिला थम नही रहा वही दूसरी ओर जोशीमठ प्रखंड के दूरस्थ गांव पगनो में बारिश के चलते गांव के ऊपर कमेडा पहाड़ी से लगातार भू

स्खलन के साथ पानी और मलवा गांव में दहशत फैला रहा है, जिसके चलते यहां जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। दरअसल, बीते शुक्रवार शनिवार की रात हुई भारी बारिश ने पगनो गांव में जमकर अफरा तफरी मचाई है। इस भारी आपदा के

कारण पगनों गांव के ग्रामीण पिछले दो रातों से रात जगा करने को मजबूर है। वहीं गांव के ऊपर पहाड़ी से लगातार बरस रहे बोल्डर,पानी व गाद ने लोगों के घरों में घुसकर पूरी रात भर उन्हें डरा दिया है। ऐसी विषम परी स्थिति में गांव के अधिकांश लोग पूरी रात घरों को छोड़कर मूसलाधार बारिश में बाहर खुले में ही इधर उधर भटकते अपनी ओर परिवार की जान बचाते दिखाई दिए।

दरअसल, चमोली जनपद के जोशीमठ प्रखंड के पगनो गांव की पहाड़ी पिछले डेढ़ साल से लगातार दरक रही है। वहीं बारिश होते ही पहाड़ी से भारी मात्रा में पानी का गदेरा और गाद मलवा का बहकर गांव में आने का सिलसिला आज तक जारी है। बीते बृहस्पतिवार शुक्रवार से लगातार रात को बरसाती पानी ने ऐसा तांडव मचाया कि गांव के सभी पैदल संपर्क मार्ग भी टूट गए हैं

व गांव के चारों ओर कीचड़ एवं गाद फैल गई है। इसी के साथ ही गांव के 42 परिवार खतरे की जद में आ गए हैं। वहीं गांव की लगभग 100 नाली से अधिक खेती व उसमें उगी फसल तक नष्ट हो गई है। बताया जा रहा की पगनो गांव से कुछ दूरी पर स्थित कमेडा नामक पहाड़ी में लगभग डेढ वर्ष पहले भूस्खलन शुरू हुआ था। डेढ वर्ष से पूरा गांव डर के साए में जीने के लिए मजबूर है लेकिन इतना समय बीत जाने के बावजूद अभी तक न तो गांव का विस्थापन हो पाया है, न ही पहाड़ से नीचे आ रहे मलबे की सुरक्षा का कार्य शुरू हुआ है।
वहीं प्रशासन द्वारा अभी तक ग्रामीणों के लिए व्यवस्था के नाम पर दूर धार तोक नामक स्थान में स्थित पंचायत घर में रहने की व्यवस्था की गई है। साथ ही वहां पर मात्र 5 टेंट लगाए गए हैं। वहीं इस आपदा की मार झेल रहे लोगों में तकरीबन 8 से अधिक परिवारों ने अपने घर सुरक्षा के दृष्टिगत से छोड़ दिए हैं।

