मामला जनपद टिहरी गढ़वाल के विकासखंड प्रतापनगर के ग्राम पंचायत बौसाडी का है जहां इस वर्ष बौसाडी नहर पर AE सिचाई विभाग के अनुसार 60 लाख रुपया खर्च होने के बाद भी हेड से टेल तक एक बूंद भी पानी नहीं
पहुंच पाया ग्रामीणों का आरोप है कि जब से यह नहर बन गई तब से आज तक इस पर करोड़ों रुपया खर्च हो चुका है पर एक बूंद पानी नहीं पहुंच पाया ग्रामीण प्रतिवर्ष बारिश का इंतजार करते हैं और बरसात के बाद भेडी खाले में पानी बढ़ने पर वे बारिश के पानी से रोपाई देर सवेर लगा पाते है लेकिन जिस पर सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च कर दिए हैं उस योजना से अभी तक ग्रामीणों को कोई लाभ नहीं मिल सका ग्रामीणों का आरोप है कि यह नहर केवल
विभाग और ठेकेदारों के लिए सोने का अंडा देने वाली मुर्गी साबित हो रही है इसके अलावा ग्रामीण काश्तकारों को इसका आज तक कोई लाभ नहीं मिल पाया इस बार इस नहर पर ₹60 लाख खर्च होने की बात सुनकर ग्रामीणों को उम्मीद थी कि शायद इस बार उनकी खेती समय पर हो पाएगी और उन्हें पानी मिल पाएगा लेकिन 60 लाख रुपया खर्च होने के बाद भी ग्राम पंचायत बौसाडी के किसान कास्तकार अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं
उन्होंने कहा कि यदि एक-दो दिन के भीतर नहर पर पानी नहीं पहुंचाया गया या बारिश नहीं होती है तो उनके जो बिजवाड़ है वह पूरी तरह से सूख कर नष्ट हो जाएंगे जिनको वे उखाड़ कर डीएम ऑफिस में ले जा कर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी सिंचाई विभाग की होगी।