
स्थान: देहरादून।
उत्तराखंड विधानसभा में आयोजित विशेष सत्र के दौरान आज सदन में भ्रष्टाचार का मुद्दा जोरदार तरीके से गूंजा। उपनेता प्रतिपक्ष द्वारा राज्य में बढ़ते भ्रष्टाचार पर सवाल उठाए जाने के बाद खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने भी इस विषय पर तीखी प्रतिक्रिया दी।




विधायक उमेश कुमार ने कहा कि “हम राज्य के आने वाले वर्षों में विकास की बात तो कर रहे हैं, लेकिन ब्लॉक स्तर से लेकर सचिवालय स्तर तक कमीशन का सिस्टम चल रहा है। पहले ही 25 से 30 प्रतिशत कमीशन विधायक निधि से काट लिया जाता है, उसके बाद 15 प्रतिशत हिस्सा अधिकारी ले जाते हैं। ऐसे में जो राशि निर्माण कार्यों के लिए बचती है, उससे गुणवत्तापूर्ण काम कैसे संभव हो सकता है?”



उन्होंने कहा कि इस स्थिति में विकास योजनाएं कागजों पर ही सीमित रह जाती हैं और जनता तक उसका लाभ नहीं पहुंच पाता। उमेश कुमार ने सदन के सभी सदस्यों से आत्मचिंतन करने की अपील करते हुए कहा कि यदि उत्तराखंड को सही मायने में मॉडल राज्य बनाना है, तो भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना ही होगा।
उनके इस बयान पर विपक्षी दलों के कई सदस्यों ने समर्थन जताया, वहीं सत्तापक्ष की ओर से मौन प्रतिक्रिया देखने को मिली।
सदन में भ्रष्टाचार पर उठे इन सवालों से राज्य की नौकरशाही और विकास योजनाओं के क्रियान्वयन पर गंभीर बहस छिड़ गई है।



