
देहरादून
‘क्वीन ऑफ हिल्स’ यानी पहाड़ों की रानी मसूरी की सैर अब पहले जैसी आसान नहीं रही। अब जो भी पर्यटक मसूरी का रुख करेंगे, उनकी पूरी जानकारी पर्यटन विभाग के पास दर्ज होगी — और यह जिम्मेदारी सौंपी गई है होटल और होमस्टे मालिकों को।


पर्यटन विभाग ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के निर्देशों के तहत एक नई व्यवस्था लागू की है। इसके तहत मसूरी आने वाले हर पर्यटक का ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य किया गया है, जिसे होटल/होमस्टे व्यवसायी विभागीय पोर्टल पर दर्ज करेंगे।


नई व्यवस्था के प्रमुख बिंदु:
- पर्यटकों को खुद रजिस्ट्रेशन नहीं करना होगा।
- होटल और होमस्टे मालिकों को अपने रजिस्टर में दर्ज जानकारी पोर्टल पर भरनी होगी।
- विवरण में पर्यटक का नाम, उम्र, कहां से आए हैं, कितने दिन रुकेंगे और कितने लोग हैं — ये सब दर्ज करना होगा।


क्या होगा फायदा?
इस कदम से मसूरी आने वाले लोगों का सटीक आंकड़ा मिलेगा, जिससे:


- ट्रैफिक मैनेजमेंट बेहतर होगा
- पार्किंग व्यवस्था सुधरेगी
- पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा


अधिकारियों की मंशा:
पर्यटन विभाग का कहना है कि यह कदम पर्यटन व्यवस्था को पारदर्शी और व्यवस्थित बनाएगा। साथ ही पर्यावरणीय दबाव को कम करने में मदद करेगा, जो मसूरी जैसे संवेदनशील हिल स्टेशन के लिए बेहद जरूरी है।


