पंचायत चुनावों में कांग्रेस का दावा – “गांव सरकार में वापसी की शुरुआत”

पंचायत चुनावों में कांग्रेस का दावा – “गांव सरकार में वापसी की शुरुआत”

देहरादून, पौड़ी, चमोली में समर्थित प्रत्याशियों की बड़ी जीत का दावा

उत्तराखंड में हाल ही में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के बाद राजनीतिक बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। कांग्रेस ने दावा किया है कि राज्य के कई जिलों में उसके समर्थित प्रत्याशियों ने बड़ी जीत दर्ज की है। पार्टी ने इसे प्रदेश की राजनीति में “गांव सरकार में वापसी का संकेत” बताया है।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि,

“उत्तराखंड की जनता ने कांग्रेस को आशीर्वाद दिया है। बीजेपी के प्रति जनता में नाराजगी साफ़ नज़र आई है।”

उन्होंने बताया कि देहरादून, पौड़ी और चमोली जैसे जिलों में कांग्रेस समर्थकों ने पंचायतों में निर्णायक जीत दर्ज की है। कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी अपने गढ़ माने जाने वाले क्षेत्रों में भी प्रत्याशियों को जिताने में असफल रही है।

उन्होंने कहा कि

“बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं, पूर्व कैबिनेट मंत्रियों और विधायकों के परिजन तक चुनाव हार गए। इससे साफ़ है कि जनता अब भाजपा से मोहभंग कर चुकी है।”

इस दौरान उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट पर भी निशाना साधते हुए कहा:

“महेंद्र भट्ट अपनी खुद की सीट और बूथ तक नहीं बचा पाए, यह भाजपा की वर्तमान स्थिति को दर्शाता है।”

हालांकि, इस बयानबाज़ी पर अभी तक भाजपा की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन जानकारों का मानना है कि पंचायत चुनाव के नतीजे राजनीतिक रुझानों का शुरुआती संकेत हैं, जिन्हें 2027 के विधानसभा चुनावों की दिशा में एक संकेतक माना जा सकता है।

राज्य में पंचायत चुनाव भले ही गैरदलीय आधार पर होते हैं, लेकिन प्रमुख राजनीतिक दलों की दिलचस्पी और समर्थन वाले प्रत्याशियों की जीत-हार के आधार पर राजनीतिक माहौल में हलचल साफ़ दिखाई दे रही है।