राहुल गांधी का लोकसभा में बड़ा बयान: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विपक्ष सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़ा रहा

राहुल गांधी का लोकसभा में बड़ा बयान: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विपक्ष सरकार के साथ चट्टान की तरह खड़ा रहा

लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर जारी गरमागरम बहस के बीच विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को सदन में अपना पक्ष रखते हुए स्पष्ट किया कि विपक्ष और INDIA गठबंधन इस राष्ट्रीय अभियान पर सरकार और भारतीय सेना के साथ पूरी तरह एकजुट खड़ा है।

राहुल गांधी ने पहल्गाम हमले को “निर्दयी और पाकिस्तानी साजिश” करार देते हुए कहा कि “हम सभी ने मिलकर पाकिस्तान की निंदा की है।” उन्होंने कहा कि जब से ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत हुई, विपक्ष ने राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर सरकार का समर्थन किया।


“INDIA गठबंधन एकजुट रहा”

राहुल गांधी ने कहा, “यह निर्णय गठबंधन के वरिष्ठ नेतृत्व के बीच आपसी सहमति से हुआ कि इस गंभीर राष्ट्रीय संकट के समय विपक्ष का रुख समर्थनात्मक और जिम्मेदार होना चाहिए। कुछ नेताओं की अजीबोगरीब टिप्पणियां ज़रूर आईं, लेकिन हमने संयम बरता और बयानबाज़ी से दूर रहे।”


राजनीतिक इच्छाशक्ति और सैन्य स्वतंत्रता का ज़िक्र

राहुल ने अपने भाषण में कहा, “जब आप भारतीय सशस्त्र बलों का उपयोग करना चाहते हैं, तो आपके पास 100% राजनीतिक इच्छाशक्ति और ऑपरेशनल फ्रीडम होनी चाहिए।” उन्होंने केंद्र सरकार को यह संदेश दिया कि ऐसे अभियानों में पूर्ण विश्वास और नेतृत्व की दृढ़ता आवश्यक है।


1971 युद्ध का संदर्भ

गांधी ने राजनाथ सिंह द्वारा 1971 युद्ध से ऑपरेशन सिंदूर की तुलना का हवाला देते हुए कहा कि “1971 में इंदिरा गांधी ने स्पष्ट राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिचय दिया था। जब अमेरिका का 7वां बेड़ा भारत के खिलाफ आगे बढ़ रहा था, तब इंदिरा जी ने सेना को खुली छूट दी।” उन्होंने यह भी याद दिलाया कि कैसे तत्कालीन सेनाध्यक्ष जनरल मानेकशॉ को तैयारी के लिए पूरा समय दिया गया और अंततः 1 लाख पाकिस्तानी सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया


“नई पीढ़ी को सीखना चाहिए नेतृत्व की दृढ़ता”

राहुल गांधी का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब सरकार और विपक्ष के बीच कई मुद्दों पर टकराव चल रहा है। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के मसले पर विपक्ष ने जिस प्रकार राष्ट्रीय एकता का प्रदर्शन किया, उसे सदन में सराहा भी गया।