
देहरादून
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) की ओर से आज राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र, देहरादून में बाढ़ प्रबंधन को लेकर टेबल-टॉप अभ्यास आयोजित किया गया। यह अभ्यास राज्य के पांच संवेदनशील जिलों—उधम सिंह नगर, हरिद्वार, चंपावत, नैनीताल और देहरादून में मॉक ड्रिल के रूप में किया जा रहा है।



बाढ़ आपदा से निपटने की तैयारियों की समीक्षा
इस अभ्यास का उद्देश्य बाढ़ जैसी आपदा की स्थिति में विभिन्न विभागों के बीच समन्वय, त्वरित प्रतिक्रिया और राहत कार्यों की दक्षता को परखना है। अभ्यास में आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।


टेबल-टॉप अभ्यास के दौरान अधिकारियों ने विभिन्न आपदा परिदृश्यों का विश्लेषण किया और यह सुनिश्चित किया कि आपदा की स्थिति में सभी विभाग पूर्व निर्धारित भूमिका और दायित्वों के अनुरूप तेजी से कार्य करें।
जिलों में भी मॉक ड्रिल के जरिए परखी जा रही तैयारियां


राज्य के जिन पांच जिलों में मॉक ड्रिल की जा रही है, वे बाढ़ के दृष्टिकोण से अति संवेदनशील माने जाते हैं। वहां जिला प्रशासन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस, स्वास्थ्य, अग्निशमन, जल संस्थान और लोक निर्माण विभाग सहित कई एजेंसियों की भागीदारी से रियल टाइम रेस्पॉन्स की प्रक्रिया का परीक्षण किया जा रहा है।
सचिव ने दिए दिशा-निर्देश

आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने सभी अधिकारियों से कहा कि मॉक ड्रिल को केवल एक औपचारिकता न मानते हुए, वास्तविक परिदृश्यों के अनुरूप गंभीरता से अभ्यास किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय नागरिकों को भी आपदा के समय किए जाने वाले कार्यों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।

प्रशासन का उद्देश्य है कि बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान जनहानि को न्यूनतम किया जा सके और राहत एवं बचाव कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।

