प्राथमिक विद्यालय की जर्जर हालत, हादसे का इंतजार

प्राथमिक विद्यालय की जर्जर हालत, हादसे का इंतजार

स्थान:लोहाघाट (चंपावत)
रिपोर्ट:लक्ष्मण बिष्ट

जहां एक ओर उत्तराखंड सरकार सरकारी स्कूलों को आदर्श विद्यालय बनाने के दावे करती है, वहीं लोहाघाट नगर का रा. आदर्श प्राथमिक विद्यालय उन दावों की पोल खोलता नज़र आता है।

72 साल पुराने जर्जर भवन में आज भी नौनिहाल पढ़ने को मजबूर हैं। बरसात में छत टपकती है, दीवारों में दरारें हैं और हर पल खतरे का साया बना रहता है।

प्रधानाचार्य महेश चंद्र उप्रेती ने अपनी ओर से पॉलिथीन लगवाकर अस्थायी इंतज़ाम तो किया, लेकिन ये प्रयास एक स्थायी समाधान नहीं है। कई बार जिलाधिकारी और शिक्षा विभाग को पत्र भेजे गए हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

अभिभावकों की नाराजगी
एसएमसी की बैठक में अभिभावकों ने कड़ी नाराजगी जताई और कहा—“अगर कोई हादसा होता है तो जिम्मेदारी सरकार और शिक्षा विभाग की होगी।”

नागरिकों की चिंता
स्थानीय लोगों का कहना है, “शायद विभाग और मंत्री किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं।” अगर नगर के आदर्श विद्यालय की यह दशा है तो गांवों के स्कूलों का हाल खुद ही समझा जा सकता है।

अब सवाल यह है—क्या सरकार जागेगी या बच्चों की सुरक्षा से पहले फाइलों की धूल हटेगी?