संकल्प, संघर्ष और सफलता की मिसाल बनीं उषा मनराल — ‘अल्ट्रा पुअर योजना’ ने संवारा जीवन

संकल्प, संघर्ष और सफलता की मिसाल बनीं उषा मनराल — ‘अल्ट्रा पुअर योजना’ ने संवारा जीवन

स्थान:लोहाघाट
रिपोर्ट:लक्ष्मण बिष्ट

विकासखंड लोहाघाट के सुदूरवर्ती ग्राम बलाई की निवासी श्रीमती उषा मनराल आज ग्रामीण महिला उद्यमिता की सशक्त प्रतीक बन चुकी हैं। सीमित संसाधनों और विषम परिस्थितियों में भी उन्होंने साहस और संकल्प के साथ जो राह पकड़ी, उसे ग्रामोत्थान परियोजना की ‘अल्ट्रा पुअर योजना’ ने नए पंख दे दिए।

बलाई: चुनौतियों के बीच संवरती संभावनाएं

लोहाघाट से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित बलाई गांव अभी भी कई बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। यहां अधिकांश परिवार कृषि और पशुपालन जैसे पारंपरिक कार्यों पर निर्भर हैं। इन कठिन परिस्थितियों में भी श्रीमती उषा ने ‘सिद्ध बाबा स्वयं सहायता समूह’ के माध्यम से अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने का बीड़ा उठाया।

यह समूह ग्रामोत्थान परियोजना के अंतर्गत पंजीकृत ‘मनसा संकुल संघ’ से जुड़ा है। परियोजना आईएफएडी (IFAD) द्वारा वित्त पोषित और राज्य सरकार द्वारा संचालित है। इसका उद्देश्य ग्रामीण परिवारों की आय में वृद्धि, पलायन की रोकथाम और विशेष रूप से महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।

योजना से मिली नयी दिशा

समूह की एक बैठक में श्रीमती उषा की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्हें ‘अल्ट्रा पुअर योजना’ के लिए चयनित किया गया। सत्यापन उपरांत उनके खाते में ₹35,000 की ब्याजमुक्त सहायता राशि भेजी गई, जिससे उन्होंने एक अच्छी नस्ल की जर्सी गाय खरीदी।

पहले जहां वे प्रतिदिन 3–4 लीटर दूध ही निकाल पाती थीं, आज वे 15–20 लीटर प्रतिदिन दूध उत्पादन कर रही हैं। इस दूध की बिक्री से उन्हें प्रति माह लगभग ₹19,000 की आय हो रही है, जिससे न केवल उनका परिवार आर्थिक रूप से सशक्त हुआ है, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण जैसी बुनियादी जरूरतें भी बेहतर तरीके से पूरी हो पा रही हैं।

नई तकनीक, नया आत्मविश्वास

श्रीमती उषा अब पशुपालन में आधुनिक तकनीकों को अपनाने में भी रुचि ले रही हैं। उनका आत्मविश्वास और आगे बढ़ने की जिद यह दर्शाती है कि यदि उचित मार्गदर्शन और सहयोग मिले, तो ग्रामीण महिलाएं भी आत्मनिर्भरता की मिसाल बन सकती हैं।

वे कहती हैं, “इस योजना ने मुझे सिर्फ आर्थिक सहायता ही नहीं दी, बल्कि आत्मविश्वास भी दिया है। अब मैं अपने बच्चों और परिवार के उज्जवल भविष्य का सपना देख सकती हूं। ऐसी योजनाएं हम जैसे परिवारों को आगे बढ़ने का हौसला देती हैं।”

एक परिवार से गांव तक फैल रहा बदलाव

ग्रामोत्थान परियोजना की ‘अल्ट्रा पुअर योजना’ केवल किसी एक महिला का जीवन नहीं बदल रही, बल्कि यह पूरे ग्रामीण समाज में सामाजिक और आर्थिक बदलाव की बुनियाद रख रही है। यह योजना आत्मनिर्भर उत्तराखंड के सपने को साकार करने की दिशा में एक निर्णायक कदम सिद्ध हो रही है।