
लालकुआं, 3 जून:
बिंदुखत्ता तिवारीनगर निवासी उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) के लाइनमैन सुनील सिंह दानू की हाई टेंशन लाइन पर काम करते समय करंट लगने से हुई मौत के बाद पूरे क्षेत्र में शोक और आक्रोश का माहौल है। मृतक ने कार्य शुरू करने से पूर्व विधिवत शटडाउन लिया था, इसके बावजूद करंट लगना यूपीसीएल की घोर लापरवाही को उजागर करता है।



सोमवार को भाकपा (माले) और ग्रामीणों के एक प्रतिनिधिमंडल ने यूपीसीएल उपखंड कार्यालय लालकुआं में एसडीओ से मुलाकात कर परिजनों को 50 लाख रुपए मुआवजा देने और मृतक की पत्नी को विभाग में नौकरी देने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि वर्तमान मुआवजा राशि अपर्याप्त है और मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष से विशेष सहायता दी जानी चाहिए।


गंभीर लापरवाही का मामला:
भाकपा (माले) के नैनीताल जिला सचिव डॉ. कैलाश पांडे ने कहा कि शटडाउन के बावजूद करंट लगना यह दर्शाता है कि विभागीय सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया। उन्होंने कहा,
“यूपीसीएल की लापरवाही के कारण सुनील सिंह की जान गई। जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।”


उन्होंने यह भी मांग रखी कि विद्युत विभाग में कार्यरत लाइनमैन की सुरक्षा के लिए समुचित मानकों को अनिवार्य रूप से लागू किया जाए, और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
पहले भी हो चुकी हैं दुर्घटनाएं:
किसान महासभा के नेता किशन बघरी ने बताया कि बिंदुखत्ता में इससे पहले भी दो गंभीर दुर्घटनाएं हो चुकी हैं—एक में कर्मचारी की मौत हुई थी और एक अपाहिज हो गया था। यह तीसरी बड़ी दुर्घटना है, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख लोग:
इस प्रतिनिधिमंडल में डॉ. कैलाश पांडे (जिला सचिव, भाकपा माले), किशन बघरी (किसान महासभा नेता), पुष्कर दुबड़िया (एरिया सचिव, माले), धीरज कुमार (अध्यक्ष, आइसा जिला इकाई), विशाल सिंह गौतम और अन्य शामिल थे।


