हरिद्वार ज़मीन घोटाले में धामी सरकार की सर्जिकल स्ट्राइक: दो IAS और एक PCS अफसर निलंबित

हरिद्वार ज़मीन घोटाले में धामी सरकार की सर्जिकल स्ट्राइक: दो IAS और एक PCS अफसर निलंबित

54 करोड़ के घोटाले में सीएम की सीधी कार्रवाई, विभागीय जांच के आदेश, सतर्कता को सौंपी गई जांच

देहरादून/हरिद्वार।
उत्तराखंड की धामी सरकार ने हरिद्वार ज़मीन घोटाले में अब तक की सबसे बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए दो IAS और एक PCS अधिकारी को निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के “भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस” के संकल्प को मजबूती देते हुए यह कदम उठाया गया है।

सस्पेंड किए गए अधिकारियों में हरिद्वार के तत्कालीन जिलाधिकारी (DM), उपजिलाधिकारी (SDM) और पूर्व नगर आयुक्त शामिल हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने नियमों को ताक पर रखकर 15 करोड़ की ज़मीन को 54 करोड़ रुपये में खरीदने की अनुमति दी, जबकि उक्त भूमि कूड़े के ढेर और अनुपयोगी श्रेणी की बताई जा रही है।

सतर्कता विभाग को सौंपी गई जांच, अब खुलेंगे घोटाले के परत-दर-परत राज

इस मामले की विस्तृत जांच सतर्कता विभाग को सौंपी गई है, जो अब घोटाले की परतें खोलने की दिशा में कार्य शुरू करेगा। मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचार पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा, चाहे अधिकारी कितना भी बड़ा क्यों न हो।

पारदर्शिता की धज्जियां, अब होगी विभागीय जांच

सरकार द्वारा यह भी निर्देश दिए गए हैं कि घोटाले में संलिप्त अधिकारियों पर विभागीय जांच शुरू की जाए। यह मामला न केवल वित्तीय अनियमितता का, बल्कि प्रशासनिक नैतिकता पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।

सीएम धामी का स्पष्ट संदेश

मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “प्रदेश की जनता का एक-एक पैसा महत्वपूर्ण है।

हमारी सरकार में भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह कार्रवाई केवल एक मामला नहीं, बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र के लिए चेतावनी है कि अब कोई भी ग़लत कार्य बर्दाश्त नहीं होगा।