
स्थान:लोहाघाट (चंपावत)
रिपोर्ट: लक्ष्मण बिष्ट
जिन कंधों पर लोहाघाट उप जिला चिकित्सालय को संभालने की जिम्मेदारी है, उन्हीं की लापरवाही अस्पताल की अव्यवस्थाओं की वजह बन रही है। गुरुवार सुबह 9:00 बजे तक चिकित्सालय में कोई भी डॉक्टर या चिकित्सा कर्मी नहीं पहुंचा, जबकि अस्पताल का निर्धारित खुलने का समय सुबह 8:00 बजे है।


मरीजों को केवल इमरजेंसी चिकित्सक के सहारे देखभाल मिल रही थी, वहीं अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे कक्ष में ताले लटके नजर आए। यहां तक कि चिकित्सा अधीक्षक का कक्ष और जन औषधि केंद्र भी बंद थे।


मरीजों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि वह दूर-दूर से इलाज के लिए आते हैं, लेकिन समय पर डॉक्टर मौजूद न होने से उनका समय और पैसा दोनों बर्बाद होता है। मरीजों ने सीएमओ चंपावत से इस गंभीर लापरवाही पर संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई की मांग की है।

इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) चंपावत डॉ. देवेश चौहान ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है और इसकी जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने इसे गंभीर अनुशासनहीनता करार देते हुए कहा कि अस्पताल में बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली भी लगाई गई है, फिर भी डॉक्टरों का समय से न पहुंचना चिंताजनक है।

सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र पुनेठा और भुवन चंद्र गहतोड़ी ने भी चिंता जताते हुए कहा कि इस अस्पताल में तीन ब्लॉकों की जनता और नेपाल से भी मरीज आते हैं, लेकिन व्यवस्थाएं सुधरने का नाम नहीं ले रहीं।
अस्पताल की अव्यवस्था का खामियाजा अंततः गरीब और दूर-दराज से आने वाले मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। अब देखना यह होगा कि स्वास्थ्य विभाग इस लापरवाही पर क्या ठोस कदम उठाता है।

