
लोकेशन : काशीपुर, उधम सिंह नगर
सरपट दौड़ती गाड़ियां, धुंध से ढकी सड़कें और आंखों में चुभता धुआं — यह हाल है काशीपुर की मुरादाबाद रोड का, जो अब केवल एक मार्ग नहीं, बल्कि लोगों की जिंदगी के लिए खतरा बनता जा रहा है। यहां की हवा में घुलता ज़हर न केवल लोगों की सेहत पर असर डाल रहा है, बल्कि सड़क हादसों की बड़ी वजह भी बन चुका है।


मामले की गंभीरता इस बात से भी जाहिर होती है कि फैक्ट्रियों की चिमनियों से निकलने वाला काला धुआं न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि राहगीरों की आंखों और सांसों को भी संक्रमित कर रहा है। राहगीर विनोद कुमार बताते हैं, “ऐसा लगता है जैसे गैस चेंबर में घुस आए हों, आंखें जलने लगती हैं और सांसें रुक जाती हैं।” वहीं सौरभ कहते हैं, “धुंआ इतना घना होता है कि कभी-कभी गाड़ी तक संभालना मुश्किल हो जाता है।”

स्थानीय निवासी दीक्षा, आबिद अली और सुमति पल ने भी इसी तरह की परेशानियों की ओर इशारा किया। उनका कहना है कि यहां रोज़ाना गुजरना एक संघर्ष बन चुका है। आँखों में जलन, सिर दर्द और सांस लेने में तकलीफ आम हो गई है।

सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि यह सब कुछ हो रहा है प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की आंखों के सामने, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। कांग्रेस नेत्री अलका पाल ने इस मुद्दे पर सरकार और संबंधित विभागों को घेरते हुए गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “यह एक सुनियोजित भ्रष्टाचार है, जिसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और स्थानीय उद्योगों की मिलीभगत से आम जनता की सेहत को ताक पर रख दिया गया है।”

कांग्रेस का कहना है कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो यह सड़क और इससे सटे इलाके एक बड़े पर्यावरणीय संकट का कारण बन सकते हैं।

