
रिपोर्ट। ललित जोशी / हर्षित जोशी

नैनीताल में वनाग्नि की घटनाओं पर लगेगी लगाम, वन विभाग ने शुरू की फायर ड्रिल और सफाई अभियान
नैनीताल। सरोवर नगरी नैनीताल और उसके आसपास गर्मी बढ़ते ही वनों में आग लगने की घटनाएं चिंता का विषय बन जाती हैं। लेकिन इस बार सरकार और वन विभाग पहले से सतर्क है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर नैनीताल जिले में वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए हरसंभव तैयारियां की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने हाल ही में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जंगलों में आग लगने की घटनाओं को पूरी तरह रोका जाए और इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं। इसके क्रम में नैनीताल जिला प्रशासन और वन विभाग ने सामूहिक रूप से अभियान शुरू कर दिया है।
फायर ड्रिल और सफाई कार्य जारी
नैनीताल वन प्रभाग द्वारा हल्द्वानी-नैनीताल मार्ग समेत विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों में फायर ड्रिल कराई जा रही है। सड़क किनारे गिरे सूखे पत्तों और विशेष रूप से पिरूल (चीड़ की सूखी पत्तियां) को हटाया जा रहा है, ताकि आग लगने की संभावना को कम किया जा सके।

जागरुकता भी साथ-साथ
नैनीताल वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी सी.एस. जोशी ने बताया कि विभाग द्वारा फायर ड्रिल के साथ-साथ जागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिन क्षेत्रों में वनाग्नि की संभावना अधिक है, वहां टीमों को पहले से तैनात कर दिया गया है। यही टीमें आग लगने की स्थिति में तुरंत मौके पर पहुंचकर उसे नियंत्रित करेंगी।
सामूहिक प्रयासों पर जोर
वन विभाग स्थानीय नागरिकों से भी अपील कर रहा है कि वे जंगलों में आग लगाने जैसी गतिविधियों से दूर रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत विभाग को दें। जोशी ने कहा कि “वनों की सुरक्षा सिर्फ वन विभाग की नहीं, हम सबकी ज़िम्मेदारी है।”

संभावना से पहले सजगता
गर्मी के मौसम में जंगलों की नमी कम हो जाती है, जिससे सूखी पत्तियां व पेड़-पौधे आग पकड़ने के लिए अत्यंत संवेदनशील हो जाते हैं। लेकिन इस बार समय रहते उठाए गए कदमों से उम्मीद है कि नैनीताल और उसके आसपास के वन क्षेत्र सुरक्षित
रहेंगे।

