
स्थान:लोहाघाट (चंपावत)
रिपोर्ट: लक्ष्मण बिष्ट

लोहाघाट (चंपावत)। लोहाघाट नगर की वर्षों पुरानी समस्याओं—प्रदूषित लोहावती नदी, पेयजल संकट और जर्जर स्वास्थ्य सेवाओं के खिलाफ अब जनता का आक्रोश जन आंदोलन का रूप लेने जा रहा है। लोहाघाट संघर्ष समिति ने इस आंदोलन की शुरुआत करते हुए शनिवार को नगर में जनसंपर्क अभियान चलाया और पंपलेट वितरित कर लोगों से समर्थन जुटाया।

संघर्ष समिति के संयोजक विपिन गोरखा के नेतृत्व में समिति के सदस्यों ने व्यापारियों और आमजन से संपर्क कर उन्हें आंदोलन से जुड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि लोहाघाट नगर को लंबे समय से मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, परंतु सरकार और प्रशासन केवल आश्वासन देकर जनता को गुमराह कर रहे हैं।

लोहावती नदी बनी नाला, अस्पताल बना रेफर सेंटर
गोरखा ने बताया कि कभी नगर की पहचान रही लोहावती नदी अब एक गंदे नाले में तब्दील हो चुकी है। नगर की जनता आज भी बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रही है। स्वास्थ्य सेवाओं का हाल यह है कि स्थानीय अस्पताल रेफर सेंटर बनकर रह गया है, और मरीज़ों को बेहतर इलाज के लिए बाहरी जिलों की ओर भटकना पड़ता है।

समस्याएं वही, समाधान कहीं नहीं
उन्होंने कहा, “यह केवल एक राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि आम जनता के अस्तित्व और अधिकारों से जुड़ा सवाल है। सरकार और प्रशासन को कई बार ज्ञापन दिए गए, लेकिन परिणाम शून्य रहा। अब समय आ गया है जब जनता को खुद आगे आना होगा।”
महा जन आंदोलन की घोषणा
संघर्ष समिति ने ऐलान किया है कि जल्द ही एक विशाल आम बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी और संघर्ष समिति के पदाधिकारियों का चयन किया जाएगा। इसके बाद महा जन आंदोलन की औपचारिक शुरुआत की जाएगी।
समर्थन की अपील
गोरखा ने यह भी स्पष्ट किया कि यह आंदोलन किसी पार्टी विशेष का नहीं होगा, बल्कि हर उस नागरिक का होगा जो लोहाघाट से प्रेम करता है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों, युवाओं, समाजसेवियों और नगरवासियों से इस आंदोलन में अधिक से अधिक संख्या में जुड़ने की अपील की।
मौजूद रहे सहयोगी
इस अवसर पर लोकेश पांडे, पूर्व सभासद राजकिशोर शाह, दीपक शाह सहित कई स्थानीय नागरिक और समाजसेवी मौजूद रहे जिन्होंने आंदोलन को अपना समर्थन देने की बात कही।

