लोकेशन – ऋषिकेश
संवाददाता – सागर रस्तोगी
ऋषिकेश कर्णप्रयाग के बीच रेल का सफर करने के लिए लोगों को अभी करीब दो साल का इंतजार और करना पड़ेगा। रेल विकास निगम ने पहाड़ पर ट्रेन चढ़ाने की डेडलाइन को बढ़ा दिया है। रेल विकास निगम लिमिटेड ने इसकी वजह पहाड़ों की भौगोलिक परिस्थिति को बताया है।
इस संबंध में आज रेल विकास निगम के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर अजीत सिंह यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कॉन्फ्रेंस में उन्होंने ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी। उन्होंने बताया कि 104 किलोमीटर लंबी रेल परियोजना में 85 किलोमीटर रेलवे ट्रैक का काम पूरा कर लिया गया है। इस हिसाब से 86% का काम अब तक रेल विकास निगम ने किया है। इसके अलावा 28 ब्रेकथ्रू टनल में किए गए हैं। टोटल 40 ब्रेकथ्रू होने हैं। 10 ब्रेकथ्रू मार्च 2025 तक होने की उम्मीद है। बाकी के दो ब्रेकथ्रू दिसंबर 25 तक होंगे। मार्च 2026 तक 213 किलोमीटर की रेलवे लाइन बिछाने का पूरा काम कर लिया जाएगा।दिसंबर 2026 या जनवरी 2027 से लोगों को ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक जाने की रेल सुविधा मिलनी शुरू होगी।
उन्होंने बताया कि यह पूरा रेलवे ट्रैक हाईटेक तकनीकी से बनाया जा रहा है। जिसमें टनल तोड़ने के लिए ना तो बारूद का इस्तेमाल है ना ही किसी भी प्रकार के पहाड़ को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। रेलवे ट्रैक को तैयार करने के साथ सभी 12 स्टेशन पर रेलवे स्टाफ के लिए बिल्डिंग निर्माण का कार्य भी जल्द शुरू किया जाएगा। इसके लिए आगामी 15 दिनों में टेंडर प्रक्रिया पुरी कर ली जाएगी। बिल्डिंग का निर्माण कार्य डेढ़ साल में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके अलावा शिवपुरी गूलर और अलकनंदा नदियों पर 19 में से पांच बड़े पुल बनकर तैयार हो चुके हैं। जबकि 14 पुलों पर कार्य प्रगति से चल रहा है उम्मीद है कि वर्ष 2025 आखिरी तक यह सभी पुल बनकर तैयार हो जाएंगे।
पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि सुरंग खोदने के कारण कुछ ग्रामीणों के द्वारा घरों में दरारें की शिकायत भी मिली थी। सभी प्रभावितों को मुआवजा रेल विकास निगम दे चुका है।