

स्थान – जसपुर
रिपोर्टर – प्रदीप श्रीवास्तव
भले ही उत्तराखंड सरकार सरकारी स्कूलों में उत्तम शिक्षा उत्तम ज्ञान को लेकर शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में लगी हो लेकिन सरकार के नुमाइंदे कहे जाने वाले अधिकारी अपने निजी स्वार्थ के चलते सरकार की शिक्षा प्रणाली को पलीता लगाते हुए सरकारी स्कूलों में शिक्षा पा रहे गरीब छात्र छात्राओं

के भविष्य से खिलवाड़ करते नजर आ रहे हैं जिसका खुलासा जसपुर खण्ड विकास के अंतर्गत ग्राम इस्लामनगर राजकीय प्राइमरी विधयालय से सामने आया ।

वीओ – बतादे की जसपुर खण्डशिक्षाधिकारी कार्यालय के अंतर्गत इस्लामनगर के राजकीय प्राइमरी विद्यालय का है।जहाँ जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा ने उर्दू शिक्षक का सामान्य शिक्षक के साथ पारस्परिक स्थानांतरण कर दिया जिससे स्कूल में उर्दू पढ़ने वाले बच्चों पर संकट खड़ा हो गया है। जिस पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने उप खण्ड शिक्षा अधिकारी को पत्र देकर कार्यवाही को कहा ।जिसपर प्रारंभिक शिक्षा के जिला शिक्षा अधिकारी हरेंद्र मिश्रा ने विना सोचे समझे 8 नवंबर को 6 प्राइमरी तो दो जूनियर शिक्षकों के पारस्परिक तबादले किए थे

।लेकिन विद्यालय इस्लामनगर में कार्यरत उर्दू शिक्षक कमरूजमान खां का पारस्परिक स्थानांतरण बाजपुर कर दिया वहां तैनात सामान्य शिक्षिका राजेश्वरी देवी को उनके स्थान पर इस्लामनगर कर दिया बताया कि पारस्परिक स्थानांतरण के लिए दोनों शिक्षकों का एक समान कैटेगरी में होना आवश्यक है ।उर्दू शिक्षक का तबादला आदेश आने पर स्कूल में हड़कंप मच गया। प्रधानाध्यापक विश्वपाल सिंह ने प्रभारी उप जिला अधिकारी को पत्र भेज कर कहा गया है ।कि स्कूल में मात्र 205 बच्चे अध्यनरत है जिसमे उर्दू शिक्षा के लिए 195 बच्चे अध्यनरत है जिसके लिए कमरुजमान खान एकमात्र उर्दू शिक्षक नियुक्त है। उर्दू शिक्षक का तबादला होने से 195 बच्चे उर्दू शिक्षा से वंचित हो जाएंगे। जबकि इस सम्बंध में विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापक ने बताया कि उर्दू शिक्षक कमरुजमान खां ने प्रधानाध्यापक पर दबाब पारस्परिक स्थानान्तरण के लिए प्रार्थना पत्र के जरिये अधिकारियों की रहनुमाई के चलते अधिकारियों ने शिक्षा विभाग के सारे नियमो को ताख पर रखकर अपने पक्ष में आदेश पारित करवा लिए।

जसपुर उप शिक्षा अधिकारी सीताराम कछारी ने बताया कि प्रधानाध्यापक के पत्र को दिशा निर्देशों के लिए अधिकारियों के पास भेज दिया गया है। उच्चाधिकारियों के आदेशों का पालन किया जायेगा।
जबकि पूर्व ग्राम प्रधान नाजिर हुसैन ने बताया कि इस्लामनगर में मुस्लिम आबादी अधिक है मुस्लिम समुदाय के बच्चे भी अधिक संख्या में शिक्षा पाते हैं ऐसे में उर्दू शिक्षक के स्थान पर सामान्य शिक्षक की तैनाती को गलत ठहराया शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों से गुहार लगाते हुए इस्लामनगर विद्यालय में उर्दू शिक्षक की तैनाती करने मांग की। जबतक दूसरे उर्दू टीचर की तैनाती नही होती तब तक वर्तमान उर्दू टीचर का स्थानांतरण न किया जाये।

अब देखना है कि उच्च अधिकारी अपने आदेशों पर कायम रहेंगे या इस्लामनगर में शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्र छात्रों के हितों में आदेशों का बदलाव हो पाएगा शिक्षा नीति सुरक्षित रह पाएगी या इस तरह के आदेश आगे भी नियम कार्य कानून को तोड़ते नजर आए
