रोप वे संचालन ठप्प होने से जीएमवीएन को करोड़ो का नुकसान,पर्यटन कारोबार पर असर,

रोप वे संचालन ठप्प होने से जीएमवीएन को करोड़ो का नुकसान,पर्यटन कारोबार पर असर,

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रिपोर्ट,, संजय कुंवर

स्थान -,औली, जोशीमठ

विगत वर्ष जोशीमठ नगर छेत्र में हुई भू धंसाव की घटना के बाद जोशीमठ औली रोप वे के स्टार्टिंग प्लेटफार्म प्वाइंट के समीप रेड जोन एरिया में हो रहे भू धंसाव की घटना को देखते हुए टेक्निकल सर्वे के बाद जोशीमठ औली रोप वे का संचालन सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन द्वारा बंद कर दिया गया था,

जिसका संचालन अब 14 माह बीत जाने के बाद भी बन्द पड़ा हुआ है, जिसका सीधा असर छेत्र के पर्यटन कारोबार के साथ साथ हिम क्रीडा स्थली औली पर भी साफ दिखाई दे रहा है,जहां इस बार मार्च माह में भी अच्छी खासी बर्फबारी होने के बाद भी पर्यटकों की आमद उम्मीदों के मुताबिक नही रही है जिसका एक कारण इस 4.1किलोमीटर लम्बी देश की बेहतरीन लोकेशन वाली जोशीमठ औली रोप वे राइड का सफ़र का संचालन ठप्प होना है,

पर्यटक इसी रोप वे राइड के लिए विंटर डेस्टिनेशन औली पहुंचता था और इस उड़न खटोला से गढ़वाल हिमालय की दुर्लभ हिम शिखरों के विहंगम दृश्यों का आनंद उठा कर रोमांचित होता, यही नहीं इसी रोप वे के संचालन से जीएमवीएन की आर्थिकी भी मजबूत होती थी एक अनुमान के अनुसार करीबन 40लाख से ऊपर की आय एक पर्यटन सीजन में गढ़वाल मंडल विकास निगम को रोप वे संचालन से हो जाती थी,

लेकिन 14माह से भू धंसाव आपदा के चलते रोप वे संचालन ठप्प है लिहाजा जीएमवीएन को भी एक करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान होना लाजिमी है, दूसरी तरफजोशीमठ और औली में पर्यटन कारोबार चलाने वाले स्थानीय लोगों का भी रोजगार कही न कही प्प्रभावित हुआ है, होटल कारोबारी से लेकर, माउंटेन गाईड, स्कीइंग प्रशिक्षकों होम स्टे संचालकों,ढाबा दुकानदारों,को भी रोप वे के चलने से सीजनल रोजगार मिलता था जो अब पूरी तरह ठप है,वही मनोहर बाग छेत्र में हुए भू धंसाव के बाद इस छेत्र को रैड जोन में आने के वर्तमान हालातो को देखते हुए

रोप वे संचालन शुरू होने में संशय बरकरार है, ऐसे में आगामी मई माह से चार धाम यात्रा और हेमकुंड साहिब फूलो की घाटी के यात्रा सीजन के दौरान भी इस उड़न खटोले की सैर का लुत्फ यात्री मुश्किल ही ले सकेंगे जोशीमठ भू धंसाव आपदा का ग्रहण जोशीमठ औली रोप वे पर भी लगता नजर आ रहा है