रानीखेत: दस फरवरी से हो रहे मेला प्रदर्शनी का व्यापार मंडल‌ ने किया विरोध, पूर्व महामंत्री ने व्यापार मंडल पर लगाया दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप

रानीखेत: दस फरवरी से हो रहे मेला प्रदर्शनी का व्यापार मंडल‌ ने किया विरोध, पूर्व महामंत्री ने व्यापार मंडल पर लगाया दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप

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रिपोटर-संजय जोशी

स्थान-रानीखेत

यहां नरसिंह मैदान में इस माह 10से 24फरवरी तक रानीखेत महोत्सव के नाम से आयोजित होने जा रहे मेले व प्रदर्शनी का नगर व्यापार मंडल ने विरोध करते हुए संयुक्त मजिस्ट्रेट से मुलाकात कर स्थानीय व्यापारियों को नुकसान होने की बात कही।
स्थानीय नरसिंह स्टेडियम में इस माह 10 फरवरी से 24 फरवरी तक 14 दिवसीय रानीखेत महोत्सव के नाम पर लगने जा रही प्रदर्शनी का व्यापार मंडल ने विरोध करते हुए सयुंक्त मजिस्ट्रेट से मुलाकात की। व्यापार मंडल ने कहा कि एक ओर स्थानीय व्यापारी, जीएसटी,छावनी का टैक्स सहित तमाम टैक्स भरते हैं वहीं बाहर से आए ठेकेदार हस्तशिल्प एवं हथकरघा के नाम पर सभी सामान बेच जाते हैं जिससे बाजार के दुकानदारों को बहुत नुकसान उठाना पड़ता है।कहा कि हथकरघा एवं हस्तशिल्प से व्यापार मंडल एवं व्यापारियों को कोई परेशानी नहीं है परंतु इसके नाम पर मशीनों से निर्मित सभी सामान बेचा जाता है जोकि बिल्कुल भी सहन नहीं किया जा सकता ।

कहा कि अगर ऐसा होता है तो व्यापार मंडल एवं व्यापारी एकजुट होकर इसका विरोध करेंगे। प्रदर्शनी का नाम रानीखेत महोत्सव रखे जाने पर भी व्यापार मंडल ने विरोध व्यक्त किया। कहा कि रानीखेत महोत्सव के अंतर्गत आने सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा कार्यक्रमों का आयोजन होता है। संयुक्त मजिस्ट्रेट ने विश्वास दिलाया कि हस्तशिल्प एवं हथकरघा के नाम पर जो नियम हैं उनके अनुरूप की प्रदर्शनी लगाई जाएगी जिसमें सिर्फ हस्तकरघा और हस्तशिल्प उत्पाद शामिल रहेंगे।इधर व्यापार मंडल के पूर्व महामंत्री सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष पंत ने कहा कि मेले व प्रदर्शनी के नाम पर मौजूदा व्यापार मंडल का दोहरा मानदंड देखने को मिल रहा है। एक ओर व्यापार मंडल‌ हर वर्ष मई माह में उर्स के नाम पर लगने वाले मेले का आंख मूंद कर न सिर्फ समर्थन करती है अपितु इस मेले की रूपरेखा तय करने वास्ते भी उर्स बैठक में व्यापार मंडल पदाधिकारी मौजूद रहते हैं।

इस मेले में बाहरी व्यापारी प्रति वर्ष लाखों रुपए कमा कर लें जाते हैं और इसका सीधा नुकसान तब भी स्थानीय व्यापारी झेलता है। लेकिन तब विरोध के नाम पर व्यापार मंडल पदाधिकारी चुप्पी साध लेते हैं। जबकि व्यापार मंडल अगर‌ वास्तव में स्थानीय व्यापारियों की चिंता करता है तो प्रत्येक मेले प्रदर्शनी के प्रति उसे समान नीति अपनानी चाहिए। संयुक्त मजिस्ट्रेट से मिलने वालों में व्यापार में मंडल अध्यक्ष मनीष चौधरी, महासचिव संदीप गोयल, उपाध्यक्ष दीपक पंत, कोषाध्यक्ष भुवन पांडेय, उपसचिव विनीत चौरसिया, मीडिया प्रभारी सोनू सिद्दीकी आदि उपस्थित रहे ।