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रिपोर्टर – गोविन्द रावत
स्थान – सल्ट
अल्मोड़ा जिले के विकास खंड सल्ट के पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य मनमोहन सिंह बंगारी ने कहा कि उत्तराखंड में जल्द भू कानून लागू किये जाने की वकालत की। उन्होंने कहा की राज्य के लिए भू कानून बेहद जरूरी है। इसके लिए सब लोगों को एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा की पहाड़ को बचाना है तो भू कानून बेहद आवश्यक है। उत्तराखंड पहाड़ी राज्य है।
पहाड़ से ही हमारी पहचान है। इसलिए हमको पहाड़ की जल, जंगल और जमीन की हिफाजत करनी होगी। बीते कुछ सालों में जिस तरह पहाड़ की जमीन बेची जा रही है। यह बेहद चिंताजनक है। राज्य में कड़ा भू कानून लागू किया जाना बेहद आवश्यक है। ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगे और गैर कृषक की ओर से कृषि भूमि खरीदने पर रोक लगे,
वहीं पर्वतीय क्षेत्र में गैर पर्वतीय मूल के निवासियों के भूमि खरीदने पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए।हिमाचल में एक मजबूत भू-कानून होने के कारण कोई भी बाहरी व्यक्ति जमीन नहीं खरीद सकता। यहां के भूमि सुधार कानून में लैंड सीलिंग एक्ट और धारा-118 के कारण राज्य की भूमि पर बाहरी उद्योगपति, बिल्डर और भू-माफिया, धन्नासेठ मनमाना कब्जा नहीं कर पाए हैं। हिमाचल और उत्तराखंड की सारी भौगोलिक परिस्थितियां लगभग एक जैसी ही हैं।
हिमाचल और उत्तराखंड की सारी भौगोलिक परिस्थितियां लगभग एक जैसी ही हैं।हिमाचल प्रदेश टेंसी एंड लैंड रिफॉर्म एक्ट 1972 में प्रावधान किया था। एक्ट के 11वें अध्याय में कंट्रोल ऑन ट्रांसफर ऑफ लैंड्स (भूमि के हस्तांतरण पर नियंत्रण) में धारा-118 के तहत हिमाचल में कृषि भूमि नहीं खरीदी जा सकती। गैर हिमाचली नागरिक को यहां जमीन खरीदने की इजाजत नहीं है और कॉमर्शियल प्रयोग के लिए आप जमीन किराए पे ले सकते हैं। इसी तर्ज पर उत्तराखंड में भी सशक्त भू कानून लागू होना अति आवश्यक है।