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रिपोट – ब्यूरो रिपोट
स्थान -लालकुआ
उत्तराखंड में कुमाऊं के मुख्य प्रवेश द्वार जनपद नैनीताल के लाल कुआं रेलवे स्टेशन पर मोदी सरकार की महत्वपूर्ण अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत जारी नव निर्माण के कार्य में घटिया एवं पुराने मैटेरियल का इस्तेमाल किए जाने का संगीन आरोप लगाया जा रहा है। इस तरह मोदी सरकार की देश के रेलवे स्टेशनों को विश्व स्तरीय बनाने के इरादों पर ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत से पलीता लगाया जा रहा है।
लालकुऑं स्टेशन में जारी निर्माण कार्य में तय मानकों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। नव निर्माण कार्य में घटिया सामग्री एवं पुरानी ईटों और मलबे का उपयोग किया जा रहा है। जिससे निर्माण की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। वही भविष्य में निर्माण की बदहाली साबित हो सकता है। फिलहाल शहर के जागरूक नागरिकों द्वारा दी गई जानकारी को रेलवे के जिम्मेदार अधिकारी गम्भीरता से नहीं ले रहे हैं।बताया जा रहा है कि लालकुआँ रेलवे स्टेशन स्थित नये टिकट घर के समीप चल रहे नव निर्माण कार्य जो कि बरेली की ठेकेदार द्वारा करवाया जा रहा है
को स्थानीय जागरूक लोगों द्वारा मीडिया को सूचना प्राप्त होने पर मौके पर देखा गया कि नव निर्माण कार्य में पुरानी ईटों के साथ-साथ घटिया सामाग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं दूसरी और नाली निर्माण कार्य में दोएम दर्जे की घटिया किस्म की ईटों का प्रयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही आरसीसी निर्माण में सीमेंन्ट की मात्रा मानक से भी काफी कम बताई जा रही है।ठेकेदार द्वारा पुरानी ईटों और आसपास के मलबे को बिछाकर उसके ऊपर नाममात्र की आरसीसी का फर्श डाला जा रहा है। जिसमें अभी से ही खामियां साफ दिखाई दे रही हैं
ठीक ऐसा ही प्लेटफार्म नंबर चार के निर्माण कार्य में निम्न स्तर की सामाग्री का धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसे लेकर क्षेत्र की जागरूक जनता में रोष देखा जा सकता है।उल्लेखनीय है कि मोदी सरकार की अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पिछले कुछ महीनों से लालकुआँ रेलवे स्टेशन पर करोड़ों की लागत से सौन्दर्यीकरण एवं नवीनीकरण का काम चल रहा है। जिसमें बार-बार घटिया स्तर की सामाग्री का जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है।बताया जा रहा है कि यह सारा काम कुछ अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत के चलते जारी है।
जिससे मोदी सरकार के करोड़ों रूपयों की इस महत्वपूर्ण योजना को कुछ अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत के चलते पुरानी सामाग्री तथा घटिया स्तर की निर्माण सामाग्री का इस्तेमाल कर करोड़ों की रकम को ठिकाने लगाया जा रहा है। जिससे आने वाले समय में निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर निश्चित रूप से असर पड़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।