प्रवर समिति का फिर बढ़ा कार्यकाल हरीश रावत ने उठाए कार्यकाल पर सवाल

प्रवर समिति का फिर बढ़ा कार्यकाल हरीश रावत ने उठाए कार्यकाल पर सवाल

उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की सबसे पहले खबरें जानने के लिए हमारे न्यूज़ ही चैनल. News Portal uk सब्सक्राइब जरूर करें .ख़बरों और विज्ञापन के लिए संपर्क करें – 9634912113,- 8057536955 न्यूज़ पोर्टल, उत्तराखंड के यूट्यूब चैनल में सभी विधान सभा स्तर पर संवाददाता\विज्ञापन संवाददाता, ब्यूरो चीफ की आवश्यकता

रिपोटर-ब्यूरो रिपोट

स्थान-देहरादून

राज्य आंदोलनकारी के परिजनों को नौकरियों में 10% छैटिज़ आरक्षण को लेकर एक बार फिर मामला अटक चुका है।

दरअसल प्रवर समिति का कार्यकाल एक बार फिर बढ़ गया है जिससे अभी तक 10% आरक्षण का मसला हल नहीं हो पाया है । प्रवर समिति में सदस्य भाजपा विधायक विनोद चमोली ने कहा कि वह लोग राज्य आंदोलनकारी की भावनाओं के अनुरूप ही काम कर रहे हैं और इसमें कोई त्रुटि न हो इसलिए इसमें समय लग रहा है। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी से अधिक से अधिक लाभ मिले इसके लिए प्रवर समिति लगातार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा फुल प्रूफ अधिनियम बनाने की है इसलिए राज्य आंदोलन कार्यों को निराश नहीं होना चाहिए

वही प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रवर समिति के कार्यकाल पर सवाल उठाए । उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में एक फुल फ्लेज्ड बिल बनाकर तैयार किया गया। उनकी सरकार ने केंद्र में अटॉर्नी जनरल से उसे बिल को दिखाया और विधिक सलाह भी ली। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव तक ऐसा लगता है, कि यह बिल लटकता रहेगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस बिल में दिल्ली और एनसीआर में रहने वाले उन आंदोलनकारी का नाम नहीं लिया गया है, जिन लोगों ने आंदोलन के समय पर दिल्ली में उत्तराखंड आंदोलन का झंडा बुलंद किया था। उन्होंने आगे कहा कि अगर सरकार की मंशा है तो वह उसको जल्द धरातल पर उतरे नहीं तो यह बिल लटकता रहेगा।

एक ओर प्रवर समिति के सदस्य इस बिल को लेकर आश्वस्त है तो दूसरी ओर कांग्रेस ने समिति के कार्य पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं अब देखना यह है, की प्रवर समिति कब तक इस बिल को धरातल पर उतारती है, और कब तक आंदोलनकारी को उनका हक दिलवा पाती है।