डेंगू-चिकनगुनिया से मुकाबले को उत्तराखंड सरकार की बहुस्तरीय कार्ययोजना लागू, जन सहयोग पर ज़ोर

डेंगू-चिकनगुनिया से मुकाबले को उत्तराखंड सरकार की बहुस्तरीय कार्ययोजना लागू, जन सहयोग पर ज़ोर

रिपोर्ट – सचिन कुमार
स्थान – देहरादून


गर्मी और बरसात के मौसम में डेंगू और चिकनगुनिया जैसी घातक मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए उत्तराखंड सरकार ने समेकित और ठोस कार्ययोजना लागू कर दी है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देशों पर राज्यभर में इंटर-डिपार्टमेंटल एक्शन प्लान के तहत व्यापक अभियान शुरू किया गया है।

स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, जल संस्थान, शिक्षा, ग्राम्य विकास और सूचना विभाग समेत कई विभागों को अलर्ट मोड पर रखते हुए, डेंगू-चिकनगुनिया नियंत्रण की दिशा में सक्रियता से काम शुरू कर दिया गया है।

स्वच्छता और जागरूकता पर विशेष ज़ोर

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा, “इन रोगों से बचाव की पहली शर्त स्वच्छता और स्रोत नियंत्रण (सोर्स रिडक्शन) है। बिना जनसहयोग के इस पर नियंत्रण संभव नहीं।” नगर निगमों को नालों की सफाई, जलजमाव हटाने और नियमित फॉगिंग के निर्देश दिए गए हैं। आशा कार्यकर्ताओं की टीमें घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगी।

जनजागरूकता अभियान के तहत पोस्टर, बैनर, हैंडबिल, नुक्कड़ नाटक और स्कूल गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा।

ब्लॉक स्तर पर माइक्रो प्लान और संसाधनों की उपलब्धता

सभी ब्लॉकों को माइक्रो प्लान तैयार कर एनवीबीडीसीपी राज्य इकाई को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। डेंगू-चिकनगुनिया से प्रभावित मरीजों के लिए राज्य व निजी अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड, मच्छरदानी युक्त बेड, प्रशिक्षित मेडिकल स्टाफ और जरूरी जांच उपकरण सुनिश्चित किए जाएंगे।

गंभीर रोगियों के लिए प्लेटलेट्स, ELISA किट्स और अन्य औषधियों की आपूर्ति को प्राथमिकता दी गई है। फीवर सर्वेक्षण के ज़रिए संदिग्ध रोगियों की पहचान कर 50 मीटर की परिधि में स्पेस स्प्रे किया जाएगा।

जन सहयोग और मीडिया की अहम भूमिका

डॉ. कुमार ने कहा कि “डेंगू-चिकनगुनिया से लड़ाई केवल सरकारी अभियान नहीं है, यह समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है।” सभी जिलों में CME बैठकें, मीडिया स्पोक्सपर्सन की नियुक्ति और निजी चिकित्सा संस्थानों से समन्वय की व्यवस्था की जा रही है, जिससे भ्रांतियों का निवारण किया जा सके।

हेल्पलाइन और कंट्रोल रूम एक्टिव मोड में

राज्य की हेल्पलाइन 104 को पूरी तरह सक्रिय रखा गया है। सभी जिलों में कंट्रोल रूम स्थापित होंगे और दैनिक रिपोर्टिंग अनिवार्य की गई है, चाहे कोई केस आए या नहीं।

अन्य विभाग भी निभाएंगे जिम्मेदारी

स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि नगर विकास, पंचायती राज, शिक्षा, जल संस्थान और सूचना विभाग को उनकी भूमिका और जिम्मेदारी स्पष्ट रूप से सौंपी गई है, जिससे रोकथाम के प्रयास बहुस्तरीय और सशक्त बन सकें।

दीर्घकालिक समाधान की दिशा में कदम

सरकार की यह कार्ययोजना ना केवल मौजूदा संक्रमण की रोकथाम में मददगार होगी, बल्कि भविष्य में संभावित संक्रमण की आशंका को भी कम करेगी। डॉ. आर. राजेश कुमार ने अंत में अपील की, “हर नागरिक की सतर्कता और भागीदारी ही मच्छरजनित रोगों की रोकथाम में सबसे बड़ा हथियार है। आइए, हम सभी मिलकर इस चुनौती से लड़ें।”