उत्तराखंड: मानकों के बिना नहीं खुलेंगे सील मदरसे, मदरसा बोर्ड अध्यक्ष ने दी स्पष्ट चेतावनी

उत्तराखंड: मानकों के बिना नहीं खुलेंगे सील मदरसे, मदरसा बोर्ड अध्यक्ष ने दी स्पष्ट चेतावनी

रिपोर्ट- सचिन कुमार
देहरादून

उत्तराखंड में सरकारी मानकों का पालन नहीं करने वाले मदरसों को लेकर सरकार ने सख्त रुख अपना लिया है। मदरसा बोर्ड अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने स्पष्ट किया है कि जो मदरसे नियत शैक्षिक, भौतिक व प्रशासनिक मानकों को पूरा नहीं कर रहे, वे तब तक पुनः संचालित नहीं हो सकेंगे जब तक सभी आवश्यक शर्तें पूरी नहीं कर लेते।

पत्रकारों से बातचीत में कासमी ने कहा कि जिन मदरसों को मानक उल्लंघन के चलते सील किया गया है, उनके बच्चों को नजदीकी स्कूलों में दाखिला दिलवाने के लिए जिलाधिकारियों और शिक्षा विभाग को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा, “हम बच्चों की शिक्षा के भविष्य से कोई समझौता नहीं करना चाहते, लेकिन साथ ही तय मानकों का सख्ती से पालन अनिवार्य है।”

सरकार की मंशा: पारदर्शिता और गुणवत्ता

राज्य सरकार ने हाल के महीनों में राज्यभर के मदरसों का सर्वेक्षण कराया था, जिसमें कई मदरसे बिना पंजीकरण, आवश्यक ढांचे व शिक्षकों के बिना संचालित पाए गए थे। ऐसे मदरसों को प्रशासन ने सील कर दिया। बोर्ड अध्यक्ष ने दोहराया कि मदरसा शिक्षा को पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए यह कदम जरूरी था।

नहीं होगा मानकों पर समझौता

मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि “मदरसा शिक्षा का उद्देश्य बच्चों को बेहतर धार्मिक और आधुनिक शिक्षा देना है। यदि कोई संस्था न्यूनतम आवश्यक मापदंडों को भी पूरा नहीं करती तो उस पर कार्रवाई होना स्वाभाविक है।”

उन्होंने साफ कर दिया कि सरकार का उद्देश्य शिक्षा को बाधित करना नहीं, बल्कि उसे बेहतर बनाना है, इसलिए जो भी मदरसे नियमों का पालन करेंगे, उन्हें संचालन की अनुमति दी जाएगी।