साइबर अपराध पर शिकंजा कसने को उत्तराखंड पुलिस तैयार, साइबर कमांडो योजना पर तेजी से काम

साइबर अपराध पर शिकंजा कसने को उत्तराखंड पुलिस तैयार, साइबर कमांडो योजना पर तेजी से काम

रिपोर्टर – सचिन कुमार

देहरादून, 23 अप्रैल
प्रदेश में दिनों-दिन बढ़ रहे साइबर अपराध को रोकना उत्तराखंड पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। इस चुनौती से निपटने के लिए अब पुलिस विभाग ने कमर कस ली है। राज्य के पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने बताया कि साइबर अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है और पुलिस को प्रतिदिन लगभग 1000 से 1200 साइबर से जुड़ी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं।

डीजीपी ने बताया कि इन मामलों पर तत्काल कार्रवाई के लिए प्रदेश में दो साइबर पुलिस स्टेशन, एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) और सभी जिलों में प्रशिक्षित पुलिसकर्मी तैनात हैं। इनकी मदद से फ्रॉड के मामलों में पीड़ितों की धनराशि वापस दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

साइबर कमांडो योजना: अपराध पर सीधी चोट

डीजीपी सेठ ने जानकारी दी कि गृह मंत्रालय द्वारा आयोजित ओपन परीक्षा के माध्यम से उत्तराखंड पुलिस के 72 जवान साइबर कमांडो के रूप में चयनित हुए हैं। इन्हें 6 माह का विशेष साइबर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षित कमांडो जल्द ही फील्ड में लौटकर साइबर अपराधों की जांच और अनावरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

बढ़ते अपराध, बढ़ती तकनीक

डीजीपी ने यह भी कहा कि, “साइबर अपराध तकनीक के साथ-साथ बदलते जा रहे हैं और ऐसे में पुलिस को भी तकनीकी रूप से और अधिक सशक्त बनाने की आवश्यकता है। हमारा उद्देश्य है कि हर शिकायत का त्वरित समाधान हो और जनता का विश्वास पुलिस व्यवस्था में और मजबूत हो।”


विशेष सूचना: उत्तराखंड पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे साइबर फ्रॉड से सतर्क रहें, अनजान लिंक या कॉल पर किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें, और किसी भी संदेहास्पद गतिविधि की सूचना तत्काल 112 या साइबर हेल्पलाइन पर दें।