
रिपोर्टर -सचिन कुमार
देहरादून, 23 अप्रैल
कोरोना महामारी के चलते पिछले चार वर्षों से बंद पड़ी कैलाश मानसरोवर यात्रा एक बार फिर श्रद्धालुओं के लिए शुरू की जा रही है। 30 जून से यह ऐतिहासिक यात्रा पिथौरागढ़ जिले के लिपुलेख पास के रास्ते पुनः संचालित होगी। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों के चलते संभव हो पाया है।



गौरतलब है कि यह यात्रा वर्ष 2020 से बंद थी और अब चार साल बाद श्रद्धालुओं को एक बार फिर कैलाश मानसरोवर की यात्रा का अवसर मिलेगा। इस यात्रा के लिए कुल पांच दल बनाए गए हैं, जिनमें प्रत्येक दल में 50-50 यात्री शामिल होंगे।

यात्रा का कार्यक्रम:
- प्रथम दल 10 जुलाई को लिपुलेख पास के माध्यम से चीन में प्रवेश करेगा।
- अंतिम दल 22 अगस्त को चीन से भारत लौटेगा।
- प्रत्येक दल दिल्ली से रवाना होकर टनकपुर और धारचूला में एक-एक रात विश्राम करेगा, जिसके बाद यात्रा आगे बढ़ेगी।


धार्मिक, सांस्कृतिक और रणनीतिक महत्व:
कैलाश मानसरोवर यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह भारत-चीन सीमा क्षेत्र की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। वर्षों से यह यात्रा हिंदू, बौद्ध, जैन और बोन अनुयायियों के लिए पवित्र स्थल तक पहुंचने का मार्ग रही है।
राज्य सरकार द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य, सुरक्षा, ठहराव और आपातकालीन सेवाओं की तैयारियां तेज़ कर दी गई हैं। जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग लगातार व्यवस्थाओं की निगरानी कर रहा है।


