लोगो को पलायन के लिए मजबूर कर रही है भाजपा सरकार, गणेश गोदियाल ने साधा निशाना

लोगो को पलायन के लिए मजबूर कर रही है भाजपा सरकार, गणेश गोदियाल ने साधा निशाना

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रिपोटर -ब्यूरो रिपोट

स्थान -बागेश्वर

बागेश्वर उपचुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद प्रदेश का राजनीतिक माहौल गरमा गया है। कांग्रेस और बीजेपी में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी बीच पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि लोगों को पलायन के लिए भाजपा सरकार मजबूर कर रही है।गणेश गोदियाल ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना
अखिल भातरतीय कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्लूसी) के सदस्य एवं पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने उत्तराखण्ड राज्य के पर्वतीय जनपदों में अतिक्रमण के नाम पर की जा रही तोड़फोड की कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।लोगों को पलायन के लिए मजबूर कर रही है भाजपा सरकारउन्होंने भाजपा सरकार पर पर्वतीय क्षेत्र के लोगों के परम्परागत हक-हकूक छीनने व पलायन के लिए मजबूर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि पहाडी क्षेत्र के 90 प्रतिशत लोग नजूल भूमि पर सदियों से निवास करते आ रहे हैं तथा बरसों पुरानी निर्मित सड़कों के किनारे छोटे-मोटे व्यवसाय कर अपनी अजीविका चला रहे हैं।आज तक किसी भी सरकार ने उन्हें अतिक्रमणकारी नहीं माना परन्तु भाजपा सरकार ने मा न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए जिस प्रकार लोगों को उजाड़ने का काम किया है उसे किसी भी स्थिति में न्याय संगत नहीं ठहराया जा सकता है।पर्वतीय क्षेत्र में भाजपा सरकार नहीं कर पाई विकासगणेश गोदियाल ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र के जनपदों में भाजपा सरकार न तो बुनियादी सुविधाओं का विकास कर पाई और न ही वहां के बेरोजगारों के लिए रोजगार के साधन जुटा पाई है। इसके विपरीत जो लोग स्वरोजगार एवं छोटा-मोटा व्यवसाय कर अपनी अजीविका चला रहे हैं

राज्य सरकार ने उसे भी छीनने का प्रयास किया है।इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण के उपरान्त पर्वतीय जनपदों से लगातार पलायन बढ़ता गया। 23 साल की अवधि में लगभग आधे गांव खाली हो चुके हैं। ऐसी स्थिति में जो लोग वहां पर रहकर किसी प्रकार अपना गुजर-बसर कर रहे थे भाजपा सरकार ने उन्हें भी पलायन के लिए मजबूर कर दिया है।पर्वतीय क्षेत्र के लोगों के दुःख-दर्द से सरकार को नहीं सरोकारपर्वतीय क्षेत्र में हो रही लगातार भारी बरसात के बावजूद जिस प्रकार राज्य सरकार द्वारा बेरहमी से लोगों के आशियाने तोड़े गए वो प्राकृतिक न्याय के भी विपरीत है। सरकार की इस कार्रवाई से कई परिवारों को खुलेआसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर होना पड़ रहा है तथा कई छोटे व्यवसायियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।उन्होंने कहा कि एक ओर राज्य की भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार ने मा न्यायालय के स्पष्ट आदेशों के बावजूद शराब व्यवसायियों को लाभ पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों तथा राज्य मार्गों का नाम तक परिवर्तित कर दिया। वहीं बरसों से बसे लोगों को उजाड़ने में भाजपा की वर्तमान सरकार ने कतई देर नहीं लगाई। इससे स्पष्ट होता है कि भाजपा व उसके नेताओं को हमारे पर्वतीय क्षेत्र के लोगों के दुःख-दर्द से दूर-दूर तक कोई सरोकार नहीं है।

पर्वतीय जनपदों के लिए अलग नीति बनाए सरकारगणेश गोदियाल ने कहा कि राज्य सरकार को पर्वतीय जनपदों के लिए अलग नीति बनानी चाहिए। कानूनों में संशोधन कर जो लोग अतिक्रमण माने जाने वाले क्षेत्र में आ रहे हैं उन्हें अन्यत्र सुविधाजनक स्थान पर विस्थापित किया जाना चाहिए।उन्होंने मुख्यमंत्री से अतिक्रमण के नाम पर की जा रही तोड़फोड की कार्रवाई को तुरन्त बन्द करवाए जाने की मांग के साथ ही जिन लोगों के आवासीय मकान एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान तोड़े गये हैं उन्हें मुआबजा देने व अन्यत्र जगह उपलब्ध कराने की भी मांग की है।