
रिपोर्टर : केशव रावत
स्थान : प्रतापनगर (टिहरी)

टिहरी जनपद के प्रतापनगर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत कुरान में बंदरों का आतंक एक बार फिर जानलेवा बन गया। शनिवार, 17 अगस्त को एक 12 वर्षीय बालक पर उसके ही घर के भीतर बंदर ने हमला कर दिया। बालक को कमरे से बाहर तक घसीट लाया गया। समय रहते परिजनों ने उसे बचाया, वरना हादसा और गंभीर हो सकता था।


घटना दोपहर की है जब काबूल सिंह का बेटा दिव्यांशु (12) अपने कमरे में अकेला बैठा था। इसी दौरान एक बंदर घर में घुस आया और दिव्यांशु पर हमला कर दिया। बंदर ने बच्चे के हाथ और पैर पर बुरी तरह दांत से काटा और उसे बाहर तक घसीट ले गया। बच्चे को अचानक हुए इस हमले से इतना सदमा लगा कि वह बोल तक नहीं पाया। गनीमत रही कि घर के अन्य लोग पास के कमरे में मौजूद थे, जिन्होंने शोर सुनकर दौड़कर बच्चे को बंदर से छुड़ाया।

इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर
घटना के बाद परिवार ने तुरंत स्थानीय फार्मासिस्ट से प्राथमिक उपचार कराया। रविवार को बच्चे को सीएचसी चौण्ड ले जाया गया, जहां तैनात चिकित्सक डॉ. हर्ष वर्मा ने प्राथमिक उपचार के बाद दिव्यांशु की हालत को देखते हुए उसे जिला चिकित्सालय बौराड़ी (नई टिहरी) हायर सेंटर रेफर कर दिया।


बंदरों का आतंक: घरों में भी नहीं सुरक्षित लोग
ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में बंदरों का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि अब लोग घरों में भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे। महिलाएं और बच्चे विशेष रूप से निशाने पर हैं। बंदर न सिर्फ लोगों पर हमला कर रहे हैं, बल्कि खेतों और बागवानी को भी पूरी तरह तबाह कर चुके हैं।

कुरान और आसपास के गांवों में किसानों ने खेती करना तक बंद कर दिया है। बंदरों के डर से फलदार पेड़-पौधों का नुकसान इतना हो रहा है कि ग्रामीणों का जीवनयापन प्रभावित होने लगा है।

प्रशासन और वन विभाग की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
ग्रामीणों का कहना है कि वे कई बार वन विभाग और प्रशासन से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। विभाग की निष्क्रियता के चलते बंदरों का खतरा और बढ़ता जा रहा है।

