
रिपोर्टर : अरशद हुसैन
स्थान : रूडकी

नारसन ब्लॉक के गाँव भगवानपुर चंदनपुर में लगभग दस वर्ष पूर्व करोड़ों रुपये की लागत से निर्मित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आज भी अपने शुभारंभ की प्रतीक्षा कर रहा है। ट्रिपल इंजन की सरकार (केंद्र, राज्य और स्थानीय निकायों) के बावजूद यह स्वास्थ्य केंद्र न तो शुरू हो पाया और न ही इसकी हालत में कोई सुधार हो रहा है।



यह स्वास्थ्य केंद्र गाँव भगवानपुर चंदनपुर सहित आसपास के कई गाँवों की करीब 15,000 की आबादी को स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध करा सकता था। लेकिन सरकारी उदासीनता के चलते आज यह भवन खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। भवन की दीवारों का प्लास्टर झड़ने लगा है, और चारों ओर बड़ी-बड़ी घास-फूस उग आई हैं। स्थानीय ग्रामीणों में इस बात को लेकर गहरा आक्रोश है कि दस साल बीतने के बाद भी अस्पताल का उद्घाटन तक नहीं किया गया।

सरकार जहाँ एक ओर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के दावे करती है, वहीं दूसरी ओर ज़मीनी हकीकत इसके उलट है। स्थानीय लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में उन्हें मामूली बीमारी के लिए भी कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। यह स्वास्थ्य केंद्र यदि चालू हो जाता, तो दर्जनों गाँवों को इससे राहत मिलती।



जब इस मुद्दे पर संबंधित अधिकारियों से जवाब लेने की कोशिश की गई, तो उन्होंने मीडिया के सवालों से कन्नी काट ली। इससे साफ़ जाहिर होता है कि या तो इस परियोजना की फाइलें धूल खा रही हैं या फिर जिम्मेदार अफसर और जनप्रतिनिधि इसे लेकर गंभीर नहीं हैं।

स्थानीय लोगों ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द इस स्वास्थ्य केंद्र को शुरू किया जाए और इसके रखरखाव पर ध्यान दिया जाए, ताकि क्षेत्रवासियों को बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके।


