
शहजाद अली
हरिद्वार
11 जुलाई से शुरू हुआ विश्व प्रसिद्ध कांवड़ मेला 23 जुलाई को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया। इस बार करीब साढ़े चार करोड़ शिवभक्त कांवड़िए देश के विभिन्न हिस्सों से हरकी पौड़ी पहुंचकर गंगा जल लेने आए। भीड़ के सफल प्रबंधन और व्यवस्था को लेकर प्रशासन की सराहना की जा रही है।


मेला समाप्त होते ही हरिद्वार नगर निगम और उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने युद्ध स्तर पर सफाई अभियान शुरू कर दिया है। मेला क्षेत्र को जोन और सेक्टरों में विभाजित कर साफ-सफाई कार्य किया जा रहा है ताकि शहर जल्द ही सामान्य स्थिति में लौट सके।


ओम पुल सहित अन्य घाटों पर मौजूद उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर विकास त्यागी ने बताया कि,
“उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अधिकारियों के बीच बेहतरीन समन्वय रहा, जिससे कांवड़ मेला सकुशल और व्यवस्थित रूप से सम्पन्न हो पाया। करोड़ों कांवड़ियों का स्वागत और उनकी सुविधा के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा।”

त्यागी ने यह भी कहा कि घाटों और गंगा तटों पर फैली गंदगी को हटाने के लिए विशेष टीमें तैनात की गई हैं और सफाई कार्य दिन-रात जारी है।

हरिद्वार नगर निगम के अधिकारी भी क्षेत्रीय निरीक्षण में जुटे हुए हैं और सफाई कर्मचारियों को पूरी तैयारी के साथ तैनात किया गया है।

कांवड़ मेले के दौरान जहां हरिद्वार श्रद्धा और आस्था का केंद्र बना रहा, वहीं मेला संपन्न होने के बाद अब स्वच्छता और व्यवस्था की परीक्षा प्रशासन के सामने है — जिसमें अब तक उन्होंने सफल कदम उठाए हैं।

नगर निगम और सिंचाई विभाग की यह मुहिम न केवल शहर को फिर से व्यवस्थित रूप में लाने की दिशा में प्रयास है, बल्कि श्रद्धालुओं के प्रति सम्मान और जिम्मेदारी का भी प्रतीक है।

