
रिपोर्टर : संजय जोशी
स्थान : रानीखेत

उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और पर्यावरण संरक्षण के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) सीमांत मुख्यालय, रानीखेत में हरेला पर्व को भव्य रूप से मनाया गया। इस अवसर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें बल कार्मिकों और उनके परिजनों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।


180 पौधों का वृक्षारोपण
कार्यक्रम के तहत परिसर में अनार, देवदार, बांझ, पुतली, कनौल सहित विभिन्न प्रजातियों के कुल 180 पौधे रोपे गए। वृक्षारोपण करते हुए बल कर्मियों ने पर्यावरण संरक्षण का संकल्प भी लिया।

कुमाऊं की विशेष परंपरा
हरेला पर्व, श्रावण मास में मनाया जाने वाला एक प्राचीन लोकपर्व है जो कुमाऊं अंचल में विशेष महत्व रखता है। यह पर्व खेती, हरियाली और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। परंपरागत रूप से आषाढ़ माह में थालीनुमा पात्रों में गेहूं, जौ, धान, गहत, उड़द, भट्ट और सरसों के बीज बोए जाते हैं, और नौ दिन बाद इन उगे हरे पौधों को काटकर घर के सदस्यों के शीश पर रखा जाता है। इसे समृद्धि और अच्छी फसल की कामना से जोड़ा जाता है।

पर्व में वरिष्ठ अधिकारियों की सहभागिता
इस आयोजन में उप-महानिरीक्षक श्री परीक्षित बेहेरा, उप-महानिरीक्षक (चिकित्सा) डॉ. ओ. बी. सिंह, कमांडेंट (पशु चिकित्सक) डॉ. जयंत कुमार शर्मा, उप-कमांडेंट श्री प्रभाकर, उप-कमांडेंट श्री अनिल कुमार जोशी, सहित कई अन्य अधिकारी, बल कर्मी एवं उनके परिजन शामिल रहे। सभी ने हरेला पर्व को पारंपरिक रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक गरिमा के साथ मनाया।

मुख्य विशेषताएं:
- स्थान: एसएसबी सीमांत मुख्यालय, रानीखेत
- पौधारोपण: 180 पौधे — अनार, देवदार, बांझ, पुतली, कनौल आदि
- उद्देश्य: पर्यावरण संरक्षण, पारंपरिक पर्व का संरक्षण
- विशेष सहभागिता: बल कर्मी और उनके परिवार
- उपस्थित अधिकारी: श्री परीक्षित बेहेरा, डॉ. ओ.बी. सिंह, डॉ. जयंत कुमार शर्मा, श्री प्रभाकर, श्री अनिल कुमार जोशी

एसएसबी द्वारा मनाया गया यह आयोजन न केवल उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत का सम्मान है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरणीय चेतना का प्रेरणादायक उदाहरण भी है।

