
स्थान: लोहाघाट (चंपावत)
रिपोर्ट: लक्ष्मण बिष्ट
देवीधार में आयोजित चार दिवसीय देवी महोत्सव का बुधवार को मां भगवती और मां महाकाली के रथों की भव्य शोभायात्रा और मंदिर परिक्रमा के साथ विधिवत समापन हुआ।


कलीगांव, डैसली और रायनगर चौड़ी से निकले रथों को श्रद्धालुओं ने रस्सों के सहारे दुर्गम पहाड़ियों और कठिन चढ़ाई पार कर देवीधार मंदिर तक पहुंचाया। मां के जयकारों और ढोल-नगाड़ों की गूंज से पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो उठा।


शाम 4:37 बजे रायनगर चौड़ी का रथ सबसे पहले देवीधार पहुंचा, जिसमें भगवती के डांगर हरीश कापड़ी सवार थे। इसके बाद 5:20 बजे कलीगांव का रथ पहुंचा जिसमें मां भगवती के रूप में नारायण पुजारी और मां कालिका के रूप में पार्वती देवी विराजमान थीं। अंत में डैसली का रथ 5:30 बजे मंदिर पहुंचा, जिसमें मां भगवती के रूप में करन देउपा और मां महाकाली के रूप में रतन सिंह बिष्ट विराजमान थे।

हजारों श्रद्धालुओं ने इस पावन क्षण के दर्शन किए। महिलाओं ने मंगल गीत गाए और युवाओं ने पूरे उत्साह के साथ रस्से खींचे। तीनों रथों ने मंदिर की परिक्रमा की और फिर विधि-विधान से उनका विसर्जन किया गया।



देवीधार मेले को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की थी, वहीं फायर ब्रिगेड की टीम भी सतर्क रही।
मेले में दूर-दूर से आए व्यापारियों ने बढ़िया व्यापार किया। बच्चों और महिलाओं ने झूलों, खिलौनों व व्यंजनों का भरपूर आनंद लिया।
मेला समिति अध्यक्ष जीवन सिंह मेहता ने क्षेत्रवासियों, पुलिस प्रशासन और सहयोगी जनप्रतिनिधियों को आयोजन की सफलता के लिए धन्यवाद दिया।


