
देहरादून
एनएच-74 घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बार फिर बड़ा एक्शन लिया है। गुरुवार तड़के उत्तराखंड के देहरादून, काशीपुर और रुद्रपुर में ईडी की टीमें सक्रिय हो गईं और कई पूर्व व वर्तमान अफसरों के आवासों और कार्यालयों पर एक साथ छापेमारी की कार्रवाई की। इस छापेमारी की जद में एक पीसीएस अफसर भी आया है।


घोटाले से जुड़े आर्थिक अनियमितताओं की जांच
सूत्रों के अनुसार, छापेमारी उन अधिकारियों के ठिकानों पर की गई है, जिन पर एनएच-74 घोटाले से जुड़ी आर्थिक अनियमितताओं में शामिल होने का संदेह है। इससे पहले भी ईडी इस मामले में कई अफसरों पर कार्रवाई कर चुकी है और लाखों रुपये की अवैध संपत्ति जब्त कर चुकी है।


क्या है एनएच-74 घोटाला?

एनएच-74 हाईवे परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण और मुआवजा वितरण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार सामने आया था। आरोप है कि अधिकारियों ने फर्जी दरों पर ज़मीनों का मूल्यांकन कर सैकड़ों करोड़ रुपये का मुआवजा गलत ढंग से वितरित कराया। इस घोटाले में कई राजस्व अधिकारी, भू-माफिया और कुछ स्थानीय नेताओं की संलिप्तता भी उजागर हुई है।


छापेमारी में जब्त हुए अहम दस्तावेज
ईडी की हालिया कार्रवाई में अहम दस्तावेज, कंप्यूटर, मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, इनकी फॉरेंसिक जांच करवाई जाएगी ताकि बैंक लेन-देन और लेन-देन के डिजिटल सबूतों को पुख्ता किया जा सके।
जांच की दिशा और एजेंसियों की सक्रियता

ईडी इस घोटाले की महीनों से गहन जांच कर रही है और हाल की छापेमारी इस बात का संकेत है कि एजेंसी अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। जांच अधिकारियों के मुताबिक, उन्हें कुछ नए बैंकिंग दस्तावेज और लेनदेन के सुराग मिले हैं, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई।
भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसने की तैयारी

इस कार्रवाई से साफ है कि प्रवर्तन एजेंसियां बड़े घोटालों पर शिकंजा कसने के लिए पूरी तरह मुस्तैद हैं और किसी भी दोषी को बख्शने के मूड में नहीं हैं।
एनएच-74 घोटाले में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही यह छापेमारी आगे और भी गिरफ्तारियों और संपत्ति जब्ती का रास्ता खोल सकती है।
जांच जारी है, और ईडी जल्द ही इससे जुड़े और बड़े खुलासे कर सकती है।

