
लक्सर
प्रदेशभर में सक्रिय मानसून के बीच लक्सर नगर की जल निकासी व्यवस्था गंभीर चिंता का विषय बनती जा रही है। लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश के बावजूद शहर के दो प्रमुख नालों की सफाई अभी तक नहीं हो सकी है, जिससे पूरे नगर को जलमग्न होने का खतरा मंडरा रहा है।


नगरपालिका की लापरवाही से बढ़ा खतरा
नगर पालिका की ओर से जल निकासी को लेकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। दोनों मुख्य नाले पूरी तरह चोक हो चुके हैं। यदि पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में अधिक बारिश हुई, तो लक्सर का रिहायशी इलाका बाढ़ जैसी स्थिति में फंस सकता है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि नगर पालिका केवल कागजों पर काम दिखाने और बजट खर्च करने में लगी है, जमीन पर हालात बदतर होते जा रहे हैं।


स्थानीय लोगों में नाराज़गी, जताया आक्रोश
स्थानीय निवासी बताते हैं कि हर साल बरसात में यही हालात होते हैं लेकिन नगरपालिका समय रहते सफाई नहीं कराती। लोगों का गुस्सा नगर पालिका के प्रति साफ नजर आया। उनका कहना है कि अगर प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई नहीं की तो लक्सर डूब जाएगा और जिम्मेदारों का कोई अता-पता नहीं रहेगा।


“नगर पालिका को जनता की कोई परवाह नहीं है। मानसून सिर पर है, लेकिन नालों की सफाई नहीं हुई। हर बार यही होता है और भुगतना हमें पड़ता है।”
अधिकारियों को भी नहीं जानकारी
जब इस संबंध में लक्सर के उपजिलाधिकारी सौरभ असवाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि नगर की सफाई व्यवस्था पूरी कर दी गई है। लेकिन जब उन्हें स्थिति की गंभीरता से अवगत कराया गया, तो उन्होंने तुरंत नगर पालिका को फोन कर मुख्य नालों की सफाई के निर्देश दिए।


“हमने नगर पालिका को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं। जल्द ही नालों की सफाई कराई जाएगी।”

तो फिर जिम्मेदार कौन?
अगर ज़िम्मेदार अधिकारी भी हालात से अनजान बने हुए हैं, तो जलमग्न होने की स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन उठाएगा? क्या हर साल लक्सर की जनता इसी तरह लापरवाही का शिकार बनती रहेगी?
वक्त रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो यह एक बड़ी आपदा में बदल सकता है।

