
रिपोर्ट हरीश भण्डारी
अल्मोड़ा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ज्योलिंगकोंग दौरे के बाद से उत्तराखंड के पवित्र धार्मिक स्थल आदि कैलाश को न केवल देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिलने लगी है। प्रधानमंत्री की यात्रा के बाद क्षेत्र में पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है।


आदि कैलाश को कैलाश मानसरोवर के समान धार्मिक महत्व प्राप्त है। लेकिन जहां कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए चीनी वीजा की आवश्यकता होती है, वहीं आदि कैलाश भारत में स्थित है और यहां आने के लिए केवल इनर लाइन परमिट की जरूरत होती है।
सरकार की ओर से हाल के वर्षों में ज्योलिंगकोंग तक सड़क निर्माण के बाद अब वाहन सीधे आदि कैलाश तक पहुंच रहे हैं, जिससे यात्रा पहले से कहीं अधिक सुलभ हो गई है।


अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ के सांसद और केंद्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा,
“प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के बाद से यहां हर दिन लगभग दो हजार पर्यटक पहुंच रहे हैं। पहले यह यात्रा साल में एक बार होती थी, अब यह नियमित और सुविधाजनक हो गई है। यह क्षेत्र न केवल धार्मिक पर्यटन के लिहाज से उभर रहा है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का बड़ा साधन भी बन रहा है।”


उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्र में लगातार सड़क, आवास और मूलभूत सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है, जिससे आदि कैलाश यात्रा को और सुरक्षित और सुविधाजनक बनाया जा सके।


मुख्य बिंदु:
- प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से आदि कैलाश को मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान
- अब तक की तुलना में कहीं अधिक तीर्थयात्री और पर्यटक पहुंच रहे हैं
- पहले वर्ष में एक बार होती थी यात्रा, अब प्रतिदिन पहुंच रहे हैं हज़ारों श्रद्धालु
- सड़क और आधारभूत सुविधाओं के विकास से क्षेत्र को मिल रहा रोजगार और प्रसिद्धि

मंत्री का बयान:
“आदि कैलाश क्षेत्र अब उत्तराखंड का एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन केंद्र बन चुका है। यह हम सबके लिए गर्व की बात है।”

