
रिपोर्टर – संजय जोशी
स्थान – रानीखेत
सरकारी सस्ता गल्ला विक्रेताओं ने अपनी लंबित मांगों को लेकर शुरू की गई हड़ताल को जारी रखते हुए आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है। शुक्रवार को खाद्यान्न गोदाम परिसर सौनी में आयोजित बैठक में विक्रेताओं ने शासन-प्रशासन की अनदेखी पर आक्रोश व्यक्त किया और चेताया कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो सामूहिक त्याग पत्र देने को विवश होंगे।


बैठक में रानीखेत, सौनी, हल्दयानी और जालली खाद्यान्न गोदामों से संबद्ध सस्ता गल्ला विक्रेता शामिल हुए। इस दौरान विक्रेताओं ने जमकर नारेबाजी भी की।
ये हैं प्रमुख मांगे:
- कोरोना काल के लंबित खाद्यान्न बिलों का तत्काल भुगतान
- खाद्यान्न की पूर्ण तोल के साथ 50 किलो के बैगों की नियमित आपूर्ति
- पूर्व की भांति छीजन सामग्री (damaged stock) की उपलब्धता
- लाभांश (मार्जिन) में वृद्धि
- विक्रेताओं को मासिक मानदेय व दुकान का किराया प्रदान किया जाए
- 2024–25 के रुके हुए बिलों का अविलंब भुगतान

विक्रेताओं ने कहा कि लंबे समय से बार-बार ज्ञापन देने और संवाद के बावजूद सरकार की ओर से ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे उनका धैर्य अब जवाब दे रहा है।

बैठक में ये रहे मौजूद:
संगठन के अध्यक्ष राजेंद्र बिष्ट, गंगा सिंह रावत, शंकर सिंह बिष्ट, रेनू नेगी, तारा सिंह, मोहन चंद्र उप्रेती, भीम सिंह, राजेन्द्र सिंह, सदानंद, गोविंद सिंह मेहरा, जीवन सिंह, नवीन चन्द्र पंत, कमलेश कुमार, सुरेन्द्र सिंह, बिशन सिंह बिष्ट, इंद्र सिंह नेगी, केशव दत्त, प्रेमनाथ, किशन सिंह समेत बड़ी संख्या में विक्रेता उपस्थित रहे।

प्रशासन के लिए बढ़ी चुनौती
विक्रेताओं का कहना है कि यदि उनकी मांगों की शीघ्र सुनवाई नहीं होती, तो इससे खाद्यान्न वितरण प्रणाली प्रभावित हो सकती है, जिसकी ज़िम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।


