
स्थान- खटीमा , उधम सिंह नगर
रिपोर्ट -अशोक सरकार
खटीमा क्षेत्र में मिट्टी खनन माफिया एक बार फिर सुर्खियों में हैं। ताजा मामला 17 मील पुलिस चौकी अंतर्गत टेढ़ाघाट-बरीअंजनिया ग्रामसभा का है, जहां एक किसान के तीन बीघा खेत से बिना अनुमति तीन से चार फीट तक मिट्टी खोद ली गई। खेत स्वामी को इसकी भनक तक नहीं लगी, और जब उन्हें जानकारी मिली तो वे हैरान रह गए।


किसान ने बताया कि जब वह मौके पर पहुंचा तो देखा कि दो जेसीबी मशीनें खेत की उपजाऊ मिट्टी खोदने में लगी हैं, और कई ट्रैक्टर मिट्टी भरकर ले जा चुके हैं। जब उसने विरोध किया, तो उसे कथित तौर पर धमकाया गया और कहा गया कि “इस कार्य की अनुमति है”—लेकिन किसान को यह तक नहीं बताया गया कि अनुमति किसने और कैसे दी।



किसान ने बताया कि मौके पर एक जयपाल नामक व्यक्ति का ट्रैक्टर मिला जबकि बाकी वाहन वहां से भाग गए। अब सवाल उठता है कि बिना खेत स्वामी की अनुमति के, सरकारी आदेश के बिना आखिर यह खनन कैसे हो रहा है?


किसान पहुंचा उप जिलाधिकारी के पास
मामले से आहत किसान ने उप जिला अधिकारी (एसडीएम) रविंद्र बिष्ट से मिलकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी और न्याय की गुहार लगाई। किसान ने मांग की है कि:
- उसकी भूमि में हुए अवैध खनन की जांच हो,
- आरोपियों पर कार्रवाई हो, और
- भविष्य में इस तरह की घटनाएं ना हों, इसके लिए प्रशासन ठोस कदम उठाए।


बड़ा सवाल: किसकी शह पर चल रहा है खनन माफिया का खेल?
इस घटना ने क्षेत्र में कई सवाल खड़े कर दिए हैं:
- क्या प्रशासन की मिलीभगत से यह खनन हो रहा है?
- क्या किसानों की जमीन अब खनन माफिया के लिए आसान निशाना बन गई है?
- और आखिर किसकी ‘अनुमति’ से उपजाऊ जमीन को यूं बर्बाद किया जा रहा है?

ग्रामीणों का कहना है कि खटीमा क्षेत्र में मिट्टी खनन का यह “नंगा नाच” लंबे समय से चल रहा है, लेकिन प्रशासनिक चुप्पी से माफियाओं के हौसले बुलंद हैं।
अब देखना यह है कि एसडीएम और पुलिस प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं और क्या किसान को मिलेगा न्याय?


