
रिपोर्ट – ललित जोशी
नैनीताल
सरोवर नगरी नैनीताल में प्रवास पर पहुँचे उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने राजभवन में होटल एसोसिएशन, नैनीताल के पदाधिकारियों से बैठक की। यह बैठक हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी पर्यटन सत्र की शुरुआत के साथ आयोजित की गई, जिसमें पर्यटन क्षेत्र की समस्याओं और उनके संभावित समाधानों पर गहन विचार-विमर्श हुआ।


नैनीताल की झील को बताया ‘क्षेत्र की आत्मा’
राज्यपाल ने कहा कि नैनीताल की प्राकृतिक सुंदरता और झील इसकी पहचान हैं, और इनका संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने जानकारी दी कि नेशनल हाइड्रोग्राफर ऑफिस, देहरादून द्वारा झील का तकनीकी सर्वेक्षण किया गया है, जिससे वैज्ञानिक तरीकों से झील का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सकेगा।

पार्किंग और ट्रैफिक समाधान पर जोर
राज्यपाल ने कहा कि नैनीताल की प्रमुख समस्या पार्किंग की कमी है। इसके समाधान हेतु उन्होंने सुझाव दिए कि—
- छोटे स्तर की पार्किंग यूनिट्स बनाई जाएं
- मल्टीस्टोरी पार्किंग का निर्माण किया जाए
- रोपवे जैसी आधुनिक सुविधाओं का विस्तार किया जाए
उन्होंने बताया कि मेट्रोपोल क्षेत्र को अस्थायी रूप से पार्किंग उपयोग हेतु राज्य सरकार को सौंपा गया है, और रक्षा संपदा की भूमि के उपयोग के लिए प्रयास जारी हैं।
पर्यटन को आधुनिकता और गुणवत्ता की ओर ले जाने की आवश्यकता
राज्यपाल ने कहा कि पर्यटन केवल संख्या नहीं, गुणवत्ता पर भी आधारित होना चाहिए। इसके लिए—
- आधुनिक और स्वच्छ पर्यटक सुविधाएं
- कुमाऊंनी संस्कृति और स्थानीय खानपान का प्रचार
- ग्रामीण और बागवानी (हॉर्टीकल्चर) पर्यटन को प्रोत्साहन
की दिशा में ठोस प्रयास जरूरी हैं।


होटल एसोसिएशन ने रखीं ये प्रमुख मांगें:
- शहर की पार्किंग क्षमता में वृद्धि
- ट्रैफिक व्यवस्था का पुनर्गठन
- वैकल्पिक पेयजल स्रोतों की खोज
- सीवर प्रणाली में सुधार
- पंतनगर हवाई अड्डे का विस्तार
- कुमाऊंनी व्यंजनों को बढ़ावा
- रूरल आर्ट कमीशन की स्थापना
- हॉर्टीकल्चर पर्यटन को बढ़ावा

राज्यपाल का आश्वासन
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने होटल एसोसिएशन के सभी सुझावों को गंभीरता से लेने का भरोसा दिलाया और कहा कि—
- सभी सुझावों को मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और संबंधित विभागों के समक्ष रखा जाएगा
- कई मुद्दों पर कार्य पहले से प्रारंभ हो चुका है
- प्रशासन और समाज के सहयोग से पर्यटन का संतुलित विकास सुनिश्चित किया जाएगा


