ढिकुली में दो साल से अधर में लटका बोरिंग कार्य, पेयजल संकट से जूझ रहे ग्रामीण

ढिकुली में दो साल से अधर में लटका बोरिंग कार्य, पेयजल संकट से जूझ रहे ग्रामीण

रिपोटर – गोविन्द रावत
स्थान – रामनगर

कार्बेट नगरी रामनगर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ढिकुली गांव में पेयजल संकट लगातार गहराता जा रहा है। बीते दो वर्षों से बोरिंग का कार्य अधूरा पड़ा है, जिससे ग्रामीणों को पीने के पानी की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

इस मुद्दे को लेकर शुक्रवार को पेयजल निगम और यांत्रिक विभाग के अधिकारियों ने स्थानीय ग्रामीणों के साथ बैठक की। बैठक में ग्रामीणों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि बोरिंग कार्य सिर्फ नाम मात्र का है और अभी तक किसी भी घर तक पर्याप्त मात्रा में जल आपूर्ति नहीं हो पा रही है।

अधिकारियों का आश्वासन
पेयजल निगम के अधिकारियों ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि जल्द ही तकनीकी खामियों को दूर कर बोरिंग कार्य पूरा किया जाएगा और सभी घरों को सुचारु रूप से पेयजल मुहैया कराया जाएगा।

ग्रामीणों की पीड़ा
स्थानीय निवासी रमेश चंद्र ने कहा, “हर साल गर्मियों में पानी की समस्या और भी बढ़ जाती है। बोरिंग कार्य में हो रही देरी से हम परेशान हैं।”
वहीं, एक अन्य महिला ग्रामीण ने कहा, “हम कई बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकल रहा।”

जल संकट पर उठे सवाल
ढिकुली जैसे पर्यटन क्षेत्र में भी यदि बुनियादी जरूरत — पेयजल की व्यवस्था — नहीं हो पा रही है, तो यह विभागीय लापरवाही पर सवाल खड़े करता है। ग्रामीणों की मांग है कि इस कार्य में तेजी लाई जाए और जिम्मेदार एजेंसियों की जवाबदेही तय की जाए।