
रिपोर्ट – भगवान सिंह पौड़ी
स्थान – पौड़ी (गढ़वाल)
पौड़ी जिले की पौड़ी तहसील स्थित मनियारस्यूँ पश्चिमी पट्टी के दो गांवों में गुलदार और अन्य अज्ञात जंगली जानवरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार तड़के ओलना गांव और धारी गांव में हुए दो अलग-अलग घटनाओं में कुल 17 बकरियों की मौत हो गई, जबकि कई लापता बताई जा रही हैं। इन घटनाओं से ग्रामीणों में भारी आक्रोश और डर का माहौल है।


ओलना गांव में 3 बकरियों की मौत, 3 लापता
गढ़वाल वन प्रभाग की नागदेव रेंज के अंतर्गत आने वाले ओलना गांव में पशुपालक त्रिलोक सिंह की गौशाला का दरवाज़ा तोड़कर अज्ञात जानवर ने रात के समय हमला किया। ग्राम प्रधान मोहन सिंह रावत ने जानकारी दी कि इस हमले में तीन बकरियों की मौके पर मौत हो गई, जबकि तीन अन्य बकरियां लापता हैं। त्रिलोक सिंह की आजीविका पूरी तरह बकरी पालन पर निर्भर है, जिससे वह मानसिक रूप से बहुत आहत हैं।



धारी गांव में गुलदार ने फिर मचाया तांडव, 14 बकरियों की मौत
उसी क्षेत्र के धारी गांव में दरवान सिंह पुत्र सोहनलाल की बकरियों पर गुलदार ने हमला कर 14 बकरियों को बाड़े में ही मौत के घाट उतार दिया। यह दूसरी बार है जब दरवान सिंह को इस तरह की क्षति उठानी पड़ी है। इससे पहले 6 जनवरी को भी गुलदार ने उनके बाड़े में घुसकर 14 बकरियों को मार डाला था।

वन विभाग का आश्वासन, ग्रामीणों की मांग
घटना की सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और पंचनामा तैयार किया गया। डीएफओ अनिरुद्ध स्वप्निल ने बताया, “पीड़ितों को जल्द मुआवज़ा दिया जाएगा और क्षेत्र में गश्त को और अधिक सख्त किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि गुलदार की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।


वहीं ग्रामीणों ने गुलदार को जल्द पकड़ने और स्थायी समाधान की मांग की है। उनका कहना है कि पहाड़ में स्वरोजगार के एकमात्र साधन – बकरी पालन – पर लगातार हो रहे हमलों से ग्रामीण हताश हो चुके हैं।
चार दिन पहले भी हुई थी घटना
गौरतलब है कि चार दिन पूर्व भी इसी क्षेत्र के दिउसी गांव के पास अर्जुन सिंह नेगी की तीन बकरियों को गुलदार ने मार डाला था। लगातार हो रही घटनाओं से स्पष्ट है कि जंगली जानवरों का आतंक अब एक गंभीर समस्या बन चुका है।


