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संवाददाता – मनोज कश्यप
उत्तराखंड की जानी-मानी हस्ती और उत्तराखंड फिल्म विकास बोर्ड के पूर्व चेयरमैन, अभिनेता हेमंत पांडे अब एक सच्ची घटना पर आधारित फिल्म लेकर आ रहे हैं, जिसका टाइटल होगा “ए बोई बाघ”। यह फिल्म एक ऐसे शिक्षक लखपत सिंह रावत की कहानी पर आधारित है, जो हालातों के चलते शिकारी बन गए।


फिल्म की कहानी उस भयावह दौर को दर्शाएगी जब एक आदमखोर बाघ ने 12 छात्रों को अपना निवाला बना लिया था। उस त्रासदी के बाद किस तरह से एक आम शिक्षक ने बंदूक उठाई और शिकारी बनकर बाघ से मुकाबला किया — यह इस फिल्म का केंद्र बिंदु होगा।

हेमंत पांडे ने बताया कि इस फिल्म की शूटिंग पिथौरागढ़ और आसपास के उन पहाड़ी गांवों में होगी, जो आज पलायन की मार झेल रहे हैं और लगभग खाली हो चुके हैं। फिल्म का उद्देश्य केवल एक सच्ची घटना को दिखाना नहीं, बल्कि उत्तराखंड में पलायन और मानव-वन्यजीव संघर्ष जैसे मुद्दों को भी मुख्यधारा में लाना है।


उन्होंने बताया कि यह फिल्म सरकारी सहयोग से बनाई जा रही है और इसकी अनुमानित लागत करीब 3 करोड़ रुपये है। फिल्म को अगले 18 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। खास बात यह है कि फिल्म में स्थानीय कलाकारों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे उत्तराखंड की युवा प्रतिभाओं को मंच मिल सके।

हेमंत पांडे ने यह भी कहा कि उत्तराखंड में फिल्म उद्योग की प्रगति के लिए अब भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है, हालांकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
यह फिल्म न सिर्फ एक साहसी शिक्षक की प्रेरणादायक गाथा होगी, बल्कि उत्तराखंड की मौजूदा सामाजिक समस्याओं की गूंज भी बनकर उभरेगी।

