
स्थान – देहरादून
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई उत्तराखंड मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के समग्र विकास और जनकल्याण को ध्यान में रखते हुए 25 अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। बैठक में कृषि, आपदा प्रबंधन, शिक्षा, संस्कृति और आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ करने वाले कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।



कृषि क्षेत्र में नई नीतियों की सौगात
राज्य में बागवानी और पोषण आधारित खेती को बढ़ावा देने के लिए कीवी नीति, ड्रैगन फ्रूट फार्मिंग स्कीम और उत्तराखंड मिलेट कृषि नीति को मंजूरी दी गई है।
- कीवी नीति के तहत 2030-31 तक उत्पादन को 33,000 मीट्रिक टन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। किसानों को 50 से 70% तक सब्सिडी दी जाएगी, जबकि सूक्ष्म खाद्य इकाइयों को 60% सब्सिडी का लाभ मिलेगा।
- ड्रैगन फ्रूट फार्मिंग योजना के अंतर्गत प्रति एकड़ 8 लाख रुपये की लागत पर 80% तक सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। यह योजना 282 एकड़ में लागू होगी, जिससे 450 किसान लाभान्वित होंगे।
- महिला समूहों को 300 रुपये प्रति कुंतल भुगतान, माइक्रो न्यूट्रिएंट्स पर 80% सब्सिडी, और लाइन स्विंग के लिए 4,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता भी दी जाएगी।

आपदा प्रबंधन को मिला नया बल
आपदा के समय राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए:
- जिलाधिकारियों की वित्तीय शक्तियों को 20 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये किया गया।
- मंडलायुक्तों की सीमा 1 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये कर दी गई।
बुनियादी ढांचे और शिक्षा क्षेत्र में भी अहम फैसले
- ऊधमसिंह नगर में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी को 11 हेक्टेयर भूमि निःशुल्क देने का निर्णय लिया गया।
- उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में यूजीसी अधिनियम लागू करने की मंजूरी।
- प्रत्येक जिले में एक संस्कृत गांव की स्थापना का निर्णय।
- संस्कृत प्रशिक्षकों को 20,000 रुपये मासिक मानदेय।
- सीवर सफाई कर्मियों के बच्चों को छात्रवृत्ति।
- कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों को मुफ्त नोटबुक।


अन्य अहम फैसले
- सब-रजिस्ट्रार को विवाह और तलाक मामलों में अधिकार देने का निर्णय।
- सिरौली कलां को नगर पालिका का दर्जा।
- यूसर्क का यूकोस्ट में विलय।
- आवास विकास परिषद में 30 पदों की स्वीकृति।
- नलकूप जेई पदों में आईटीआई को मान्यता।
- विश्व बैंक की 975 करोड़ की योजना को 1075 करोड़ तक बढ़ाने की स्वीकृति।
विकास को मिलेगी गति
इन फैसलों से राज्य में न सिर्फ आर्थिक और कृषि विकास को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि आपदा प्रबंधन, शिक्षा और सांस्कृतिक संरक्षण जैसे क्षेत्रों में भी नई ऊर्जा का संचार होगा। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार सभी वर्गों के समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

