राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वाला डेंजर ज़ोन बना खतरे की घंटी, मानसून से पहले ट्रीटमेंट कार्य अधूरा

राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्वाला डेंजर ज़ोन बना खतरे की घंटी, मानसून से पहले ट्रीटमेंट कार्य अधूरा

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स्थान:लोहाघाट (चंपावत)
रिपोर्ट:लक्ष्मण बिष्ट

चंपावत राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित स्वाला डेंजर जोन एक बार फिर लोगों की चिंता का विषय बन गया है। मानसून सीजन में हादसों का गवाह रहा यह क्षेत्र, अब भी खतरे की स्थिति में है। पहाड़ी ट्रीटमेंट का कार्य अब तक अधूरा है, जिससे आगामी बरसात में एक बार फिर बड़ी दुर्घटनाओं और अव्यवस्था की आशंका गहराने लगी है।

बीते साल की बरसात में स्वाला जोन कई दिनों तक बंद रहा था, जिससे प्रशासन और स्थानीय नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। उस समय एनएच विभाग के चीफ इंजीनियर दयानंद और एसई को भी मौके पर डेरा डालना पड़ा था, तब जाकर रैंप बनाकर किसी तरह यातायात को चालू किया गया था।

पहाड़ी ट्रीटमेंट अधूरा, खतरा बरकरार

स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन और एनएच विभाग ने पिछली घटनाओं से कोई सबक नहीं लिया है। जहां पहाड़ी की सुरक्षा के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जाना चाहिए था, वहां अब भी नाममात्र की सफाई और मलबा हटाने का काम ही किया जा रहा है। ना सुरक्षा दीवार बनी, ना ही स्लोप स्टेबलाइजेशन जैसे जरूरी कार्य किए जा रहे हैं।

जनता ने जताई नाराजगी, मुख्यमंत्री से की गुहार

स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यदि यही हालात बने रहे तो मानसून में एक बार फिर स्वाला आम जनता के लिए खतरा बन जाएगा। चंपावत और पिथौरागढ़ के लोगों के लिए यह मार्ग आर्थिक, व्यापारिक और स्वास्थ्य दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है, और इसके बार-बार बाधित होने से आमजन को खासी दिक्कतें होती हैं।

लोगों ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से अपील की है कि वे इस गंभीर मुद्दे पर तुरंत संज्ञान लें और स्वाला की पहाड़ी का ट्रीटमेंट कार्य जल्द से जल्द पूरा करवाएं ताकि बरसात के मौसम में कोई बड़ी दुर्घटना न हो और जनता को राहत मिल सके।

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