5 वजहें विराट कोहली-रोहित शर्मा को चैंपियंस ट्रॉफी टीम से ड्रॉप नहीं किया जा सकता, भले दुनिया हो खिलाफ

5 वजहें विराट कोहली-रोहित शर्मा को चैंपियंस ट्रॉफी टीम से ड्रॉप नहीं किया जा सकता, भले दुनिया हो खिलाफ

क्रिकेट किंग और हिटमैन जैसे निकनेम या यूं कह लें कि विशेषण देने वाले अंतरिक्ष से नहीं आए। ये वही लोग हैं, जो आज सोशल मीडिया पर पानी पी-पीकर दोनों खिलाड़ियों को गाली दे रहे हैं और टीम इंडिया से निकालने की मांग कर रहे हैं। कल ये दोनों खिलाड़ी शतक मारेंगे तो यही लोग कहकहे भी लगाएंगे। तारीफ में पुल भी बांधेंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि सोशल मीडिया या क्रिकेट एक्सपर्ट्स की राय मानकर क्या भारतीय क्रिकेट टीम के चीफ सिलेक्टर इनके खिलाफ एक्शन लेंगे? क्या वे इन दोनों को टीम इंडिया से बाहर करने में सक्षम हैं, जब कुछ ही दिनों में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 खेली जानी है? माफी करिएगा, ऐसा संभव होता दिखता नहीं है।

दरअसल, रोहित शर्मा और विराट कोहली आज जिस मुकाम पर हैं उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम से खेलने की बहुत जरूरत नहीं है, बल्कि यह भारतीय टीम की जरूरत है कि वे दोनों खेलें और अपने कद के हिसाब से प्रदर्शन करते हुए टीम को चैंपियंस ट्रॉफी में जीत दिलाएं। हो सकता है कि कोई इस बात पर कटाक्ष करे कि ऐसा नहीं है तो बता दें कि ये दोनों ही खिलाड़ी उम्र और करियर के उस पड़ाव पर हैं, जहां उन्हें न कुछ साबित करने की जरूरत है और निजी जिंदगी में उन्हें न तो पैसे की कमी है और न ही शोहरत की। इंडियन प्रीमियर लीग में खेलकर वे अच्छी कमाई आज से दो साल बाद तक भी कर सकते हैं। वे अगर यहां नहीं भी खेलें तो कोचिंग स्टाफ में उन्हें कोई भी टीम मोटी रकम देकर जोड़ने को तैयार बैठी होगी। खैर, ये तो वो बातें हैं, जो हर कोई जानता है, अब उन 5 कारणों पर बात करते हैं, जिनकी वजह से रोहित-विराट को फिलहाल टीम इंडिया से बाहर नहीं किया जा सकता है

1. रोहित शर्मा और विराट कोहली के कद का खिलाड़ी नहीं
फिलहाल टीम इंडिया में रोहित शर्मा और विराट कोहली को रिप्लेस करने का दम किसी में नहीं है। रिकॉर्ड को भूल भी जाएं तो हम जानते हैं कि इंटरनेशनल मैचों कई मौके पर प्रेशर में खिलाड़ी कंट्रोल खो देते हैं, लेकिन विराट कोहली को जब खत्म माना जा रहा था तब उन्होंने हारिस रऊफ को दो छक्के मारकर टी20 विश्व कप में जीत दिलाई थी, जिसे असंभव माना जा रहा था। रोहित शर्मा वही हैं, जिन्होंने सुपर ओवर में कभी भी हथियार नहीं डाले। अफगानिस्तान के खिलाफ डबल सुपर ओवर कौन भूल सकता है, टी20 विश्व कप 2024 में खतरनाक बैटिंग कौन भूल सकता है… माफ करिए, शायद कोई और बल्लेबाज होता तो मैदान पर फैल जाता।

2. संन्यास दिलाएंगे तो टीम में नहीं बचेगा अनुभवी खिलाड़ी
किसी भी टीम में युवा और अनुभव का सही मात्रा में मिश्रण होना चाहिए। दबाव वाले मैच में अनुभव काम आता है। बड़े मैचों का प्रेशर झेलना हर किसी के बस की बात नहीं होती है। यही वजह है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम के अधिकतर खिलाड़ी 30 साल से अधिक उम्र के हैं। हाल ही में खत्म हुई टेस्ट सीरीज में भी सैम कोंस्टास के अलावा हर खिलाड़ी की उम्र 30 से अधिक थी। 37 साल के रोहित पर सवाल उठाने वाले भूल गए कि कंगारू टीम के फेल ओपनर उस्मान ख्वाजा 38 साल के हैं। उनकी टीम जीती, इसलिए कोई सवाल करने वाला नहीं है।

3. इसलिए अभी भी है रोहित-विराट की टीम इंडिया को जरूरत
रोहित-विराट ऐसे खिलाड़ी हैं, जो मैदान पर रणनीति हो या फिर परिस्थिति के अनुसार खेलना इन दोनों खिलाड़ियों का कोई तोड़ नहीं है। वे किसी भी परिस्थिति को भांपने में आज भी सक्षम हैं। कुछ खराब मैच उनकी क्षमता पर सवाल उठा सकते हैं, लेकिन उनके अनुभव और उनके क्रिकेट कौशल पर नहीं। मैदान पर उनके रहने का विपक्षी टीम में कितना खौफ होता है ये पाकिस्तान से पूछा जा सकता है। टी20 विश्व कप के फाइनल में हारने वाली साउथ अफ्रीका से पूछा जा सकता है।