घर से कॉलेज के लिए निकला ग्राफिक एरा का छात्र दोस्तों के साथ पार्टी करने जंगल में पहुंच गया। कुछ देर बाद ही उसकी रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई। उसका शव जंगल में करीब डेढ़ मीटर अंदर पेड़ से लटका पाया गया। शव के पास जला भगौना, आरी और ब्लेड मिली। मौके पर पहुंचे परिजनों ने पार्टी कर रहे दोस्तों पर हत्या का आरोप लगाया है। पुलिस ने तीन युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस भी मामले का संदिग्ध मानते हुए जांच कर रही है।
दौलिया गांव हल्दूचौड़ निवासी गोपाल दत्त पांडे सिडकुल स्थित टाटा कंपनी में नौकरी करते हैं। उनकी पत्नी सावित्री दीना स्कूल में भोजन माता हैं और बेटा दिव्यांशु (20 वर्ष) ग्राफिक ऐरा हल्दूचौड़ में बी-कॉम ऑनर्स तृतीय सेमेस्टर का छात्र था। माता-पिता के इकलौते बेटे दिव्यांशु के चाचा दयाल पांडे ने बताया कि शनिवार को दिव्यांशु घर से कॉलेज जाने की बात कहकर निकला था, लेकिन वह कॉलेज गया नहीं। उसका दोस्तों के साथ पार्टी करने का प्लान बन गया। बताया जाता है कि मुरारीनगर धानमिल बरेली रोड निवासी अपने दोस्तों के साथ पार्टी करने बड़ी मंडी के पीछे दमकल से सटे जंगल में पहुंच गया। वह अपने साथ खाना बनाने के लिए बर्तन भी ले गए थे।
जंगल में क्या हुआ किसी को कुछ नहीं पता। दोपहर करीब सवा तीन बजे दिव्यांशु के दोस्त ने दिव्यांशु की मां सावित्री को फोन किया और बताया कि दिव्यांशु ने फांसी लगा ली है। इस दोस्त ने फोन कर अपने भाई को भी मौके पर बुलाया और फिर 108 एंबुलेंस को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस और फिर बेटे को तलाशते दीपांशु के पिता गोपाल दत्त पांडे, मां सावित्री, चाचा दयाल पांडे व मामा मथुरा दत्त नैनवाल भी मौके पर पहुंच गए। परिजनों न आरोप लगाया कि दोस्तों ने मिलकर दिव्यांशु की हत्या की और फिर घटना का आत्महत्या दिखाने के लिए शव को पेड़ से लटका दिया। एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा का कहना है कि घटना स्थल से सभी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। घटना की हर स्तर पर जांच की जा रही है। उसके दोस्तों से पूछताछ हो रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद सारी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
मां घबराहट हो रही है, मैं बचकर नहीं आ पाऊंगा
दिव्यांशु के परिजनों ने बताया कि दोपहर करीब ढाई बजे दिव्यांशु ने अपनी मां को वीडियो काल की थी। वीडियो कॉल में वह बेहद बेचैन नजर आ रहा था और कह रहा था कि उसे घबराहट हो रही है। शायद अब वह बचकर नहीं आ पाएगा। उसे बहुत मारा है और इतना कहने के बाद उसने फोन काट दिया। करीब सवा घंटे बाद दिव्यांशु के दोस्तों ने दिव्यांशु की बहन खुशी को फोन किया और बताया कि दिव्यांशु ने फांसी लगा ली है। मामला संदिग्ध इसलिए भी है कि दोस्तों ने पुलिस, एंबुलेंस या किसी अन्य के पहुंचने से पहले ही शव को फंदे से नीचे उतार लिया था।
किसकी थी लाल टी-शर्ट, आरी से फंदा काटना था या...
घटना के पीछे कई सवाल हैं, जिनके जवाब मिलना अभी बाकी है। घटना स्थल से भगौना मिलना तो लोगों की समझ में आ गया, लेकिन शव के पास मिले आरी और हेक्सा ब्लेड ने दोस्तों को शक के घेरे में खड़ा कर दिया है। दोस्तों का कहना है कि शव को नीचे उतारने के लिए वह आरी और ब्लेड लेकर आए थे, लेकिन सवाल यह है कि आरी और ब्लेड जुटाने में समय गंवाने वाले दोस्तों ने इसकी सूचना पहले पुलिस को क्यों नहीं दी। दूसरी सवाल यह है कि जिस लाल टी-शर्ट दिव्यांशु के गले में फंदा कसा था, वह किसकी है।
अंधेरे में तफ्तीश, बिना टार्च पहुंच गई पुलिस
नैनीताल पुलिस की कार्यप्रणाली की जितनी तारीफ की जाए वह कम है। नैनीताल पुलिस के सीओ से लेकर चौकी इंचार्ज तक घने जंगल में सुबूत ढूंढ़ने के लिए मोबाइल का साहरा लेते दिखे। नैनीताल पुलिस की फॉरेंसिक टीम भी मोबाइल की लाइट के सहारे सुबूत जुटा रही थी। किसी भी अधिकारी के पास टॉर्च तक नहीं थी। मोबाइल टॉर्च की रोशनी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि परिजन जहां हत्या का आरोप लगा रहे थे, वहां पुलिस मामले को कितना हल्के में ले रही थी।